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Myanmar
म्यांमार ने भारत को सौंपे नॉर्थ-ईस्ट के 22 उग्रवादी: NSA अजीत डोभाल के प्रयासों ने दिखाया रंग
म्यांमार ने नॉर्थ-ईस्ट के 22 उग्रवादी भारत को सौंपे हैं। NSA अजीत डोभाल के नेतृत्व में संचालित ऑपरेशन के कारण यह मुमकिन हो पाया है।
20 साल पुराने निर्जन टापू पर रखे जाएँगे 1 लाख रोहिंग्या, चारों तरफ फैला है पानी
बंगाल की खाड़ी में स्थित यह द्वीप 20 साल पहले ही उभरकर सतह पर आया था। बरसात के मौसम में इसके डूबने का खतरा बना रहता है। पिछले दिनों 66 रोहिंग्या अंडमान में घुसते पकड़े गए थे।
मोदी सरकार की पहल पर म्यांमार में रोहिंग्याओं की कैद से छूटेंगे 5 भारतीय: एक गँवा चुका है जान
म्यांमार में एक रोहिंग्या विरोधी संगठन ने पाँच भारतीयों को बंधक बना लिया था, इसी दौरान उनमें से एक की मौत हो गई।
1 लाख रोहिंग्याओं को बांग्लादेश भेज रहा ऐसी जगह जिसके चारों ओर है पानी ही पानी
कॉक्स बाज़ार में स्थित शरणार्थी शिविरों में भारी भीड़ का हवाला दे बांग्लादेश करीब 1,00,000 शरणार्थियों को यहॉं से भेजना चाहता है। फ़िलहाल, शरणार्थी शिविरों में म्यामांर से आए 10 लाख से अधिक लोग रह रहे हैं।
धर-दबोचे 70+ आतंकी, उनके ठिकानें किए तबाह: भारत-म्यांमार के सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई
दोनों देशों की सेनाओं ने इस संयुक्त ऑपरेशन में जिन उग्रवादी संगठनों को निशाना बनाया गया, उनमें कामतापुर लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (KLO), एनएससीएन (NSCN), उल्फा और नैशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) शामिल हैं।
प्लेन से ‘विदेश’ जाना था, लेकिन जाना पड़ा पैदल: आर्मी स्पेशल फ़ोर्स ने म्यांमार में ऐसे की थी सर्जिकल स्ट्राइक
मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार फरवरी 17 से मार्च 2, 2019 के बीच भारतीय सेना की स्पेशल फ़ोर्स के जवानों ने म्यांमार में फिर से आतंकी ठिकानों पर हमला कर उन्हें ध्वस्त कर दिया। इस बार अराकान आर्मी को निशाना बनाया गया।
BSF ने बंग्लादेश सीमा पर 31 रोहिंग्या रिफ़्यूजी को गिरफ़्तार कर त्रिपुरा पुलिस के हवाले किया
2019 के शुरुआती महीने में निर्वासन के डर से क़रीब 1300 रोहिंग्याओं ने बांग्लादेश में पलायन किया है, जिसकी वजह से नई दिल्ली को और केंद्रीय सरकार को काफ़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
प्रिय लम्पट बुद्धिजीवी गिरोह, भारत ने रोहिंग्या का ठेका नहीं ले रखा है
भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रोहिंग्याओं को अवैध अप्रवासी बताते हुए उन्हें देश की सुरक्षा के लिए ख़तरा बताया था। सरकार का तर्क था कि रोहिंग्या लोगों को रहने की अनुमति देने से हमारे अपने नागरिकों के हित काफी प्रभावित होंगे और देश में तनाव भी पैदा होगा।
म्यांमार में सित्वे पोर्ट हुआ चालू, भारत ने चीन को दी मात
भारतीय महासागर को घेरने की चीन की तथाकथित 'स्ट्रिंग ऑफ़ पर्ल्स' रणनीति का एक मोती सित्वे पोर्ट भी था। इंस्टिट्यूट फॉर डिफेन्स स्टडीज़ एंड एनालिसिस में प्रकाशित नम्रता गोस्वामी की रिपोर्ट के अनुसार अंडमान सागर में चीन सिगनल इंटेलिजेंस एकत्र करने के उपकरण लगा रहा था जिससे भारत की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके।