2014 में पीएम बनने के बाद ह्यूस्टन इवेंट भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करने का पीएम मोदी का तीसरा बड़ा कार्यक्रम होगा। मई 2019 में दोबारा चुने जाने के बाद अमेरिका में यह इस तरह की पीएम की पहली रैली है।
उन्होंने कहा कि दूध, दही और माखन के बिना श्रीकृष्ण की कल्पना की ही नहीं जा सकती। पीएम मोदी ने समझाया कि जिस तरह प्रकृति, पशुधन और पर्यावरण के बिना भगवान कृष्ण अधूरे नज़र आते हैं, उसी तरह इनके बिना भारत भी अधूरा लगेगा। उन्होंने प्रकृति से संतुलन बना कर चलने की अपील की।
यह ब्रह्मांड का पहला पुरस्कार है, जो जीतने वाले को उस चीज के लिए मिला है, जिसको वो गलत ठहराता और झूठ कहता रहा। देश में असहिष्णुता है, डर का माहौल है और अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है, ऐसा कहने वाले रवीश जी को अपनी अभिव्यक्ति के लिए ही पुरस्कार मिल गया।
"पीएम मोदी ने जो समर्थन और प्रेम इसरो वैज्ञानिकों के प्रति दिखाया है, यही हर अभिभावक को अपने बच्चों के प्रति दिखाना चाहिए, जब वो अपने लक्ष्य से चूक जाते हैं। इस तरह के पल हमें अपने देश से दोबारा प्यार करने पर विवश कर देते हैं।"
चंद्रयान-2 की 'विफलता' की खबरों से उत्साहित लेफ्ट-लिबरल वर्ग की खुशियाँ ज्यादा देर तक नहीं बनी रह सकी क्योंकि इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इसरो वैज्ञानिकों का हौंसला बढ़ाने वाला वीडियो लोकप्रिय होने लगा। इसके बाद शुरू हुआ इस देश के लेफ्ट लिबरल्स का प्रलाप और प्रपंच।
इसरो चीफ के सिवन जब टूट रहे थे, तो उनके कंधों पर शाबासी की थपकी मिली किससे - खुद पीएम से। जब पीएम मोदी ने रोते हुए सिवन को गले लगाया तो उसमें यह संदेश छिपा था कि देश को आपकी सफलता पर गर्व है, जबकि आपकी विफलता पर वो आपके साथ और भी मजबूती के साथ खड़ा है।
भारत के लिए एक और खुशखबरी है। प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के अमेरिकी दौरे के दौरान बिल मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (Bill & Melinda Gates Foundation) द्वारा उन्हें स्वच्छ भारत अभियान के लिए उन्हें सम्मानित करेगा। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने दी।
"मोदी को UAE में मेडल मिला है तो आपको तकलीफ हो रही है। आप भीख माँगते फिर रहे हैं। आप बताएँगे कि आप उनके पाँव की जूती हैं तो वो आपकी इज्जत कैसे करेंगे?"
प्रधानमंत्री ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए उन लोगों पर प्रहार किया, जो कहते थे कि मौजूदा सरकार ने गरीब जनता के लिए कुछ भी नहीं किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि बहुत सारे लोग उनसे कहते हैं कि योजनाएँ और फंड तो पहले भी था, फिर उन्होंने अलग क्या किया?
"मैं नरेंद्र मोदी सरकार का एक कठोर आलोचक रहा हूँ और मुझे उम्मीद है कि सकारात्मक आलोचक रहा हूँ। समावेशी मूल्यों और संवैधानिक सिद्धांतों के कारण ही मैंने लगातार 3 बार चुनाव जीता है। मैं अपने कॉन्ग्रेस के साथियों से निवेदन करता हूँ कि मेरे विचारों की कद्र करें, यदि वे उससे सहमत नहीं हैं, तब भी।"