सियासत में कूदने से पहले ही प्रभुनाथ का आस्तीन दाग़दार हो चुका था। 1980 में मशरक के विधायक रामदेव सिंह की हत्या हुई थी और आरोप लगा था प्रभुनाथ सिंह पर।
दहेज़ के बारे में सोचा है? एक तो इसमें ‘ज’ के नीचे जो बिंदी होती है, वो देवनागरी लिपी में होती ही नहीं। यानी, ये देशज नहीं, विदेशज शब्द है। दहेज़ जैसा कोई सिद्धांत भारत में नहीं होता था।
नीतीश कुमार ने बताया कि जेडीयू के हिस्से में 122 और बीजेपी के हिस्से में 121 सीटें आई हैं। जीतन राम मांझी की 'हम' पार्टी को जेडीयू अपने हिस्से से सीटें देगी।