कॉन्ग्रेस नेताओं के हिरासत में लिए जाने की सूचना मिलते ही RLSP प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी कोतवाली थाना पहुँचे, जहाँ उन्होंने कॉन्ग्रेस के मॉर्च में हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की और कहा कि नीतीश सरकार, विरोधियों की आवाज़ को दबाना चाहती है।
29 दोनाली बंदूक, दो राइफल, वेबलीस्कॉट का एक रिवॉल्वर और 519 कारतूस बरामद किए गए। जो तस्कर गिरफ्तार किए गए, उनमें युवा कॉन्ग्रेस के मुंगेर विधानसभा अध्यक्ष यतीन्द्रनाथ सिंह भवानी कुमार, टीपू सुल्तान उर्फ़ मोहम्मद शबीर हसन के अलावा आर्म्स डीलर...
लोकसभा चुनावों के नतीजे आने पर जब मोदी सरकार 2.0 की एनडीए कैबिनेट बनाने की कवायद शुरू हुई, तो जदयू ने सरकार में शामिल होने से इंकार कर दिया था। तब केसी त्यागी ने ही इसे 'अंतिम निर्णय' बताया था लेकिन आगामी बिहार विधान सभा चुनाव को देखते हुए...
जब सुशासन की ही पोल खुल चुकी हो तो उसके बड़बोले मंत्री के दावों पर गौर करना बेमानी है। लेकिन, यह सियासत है। और वो भी बिहार की, जिसके समीकरण दिल्ली से ही तय होने हैं। लिहाजा हर ट्वीट के पीछे का गणित समझना जरूरी हो जाता है।
कोतवाली थानाध्यक्ष ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के दौरान जामा मस्जिद के पास कुछ शरारती तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। साथ ही थानाध्यक्ष ने 12 लोगों को गिरफ़्तार किए जाने की पुष्टि की। सभी को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया।
मेरे गर्वीले बिहारियों! मिजोरम या असम जैसे पहाड़ी आतंकवाद ग्रस्त राज्यों से तुलना कर बिहार को महान ठहराकर आप जैसे लोगों ने ही नीतीश तक को शिथिल बना दिया है। किसी नेता को यह उम्मीद ही नहीं है कि कोई उनसे सवाल भी पूछ सकता है ,क्योंकि हम सभी ने शूकरवृत्ति में ही मोक्ष मान लिया है।
भूकंप, बाढ़ और जल-जमाव जैसी आपदाएँ झेलने के बाद बिहारवासी कम से कम ये सीख लेंगे कि आपदा की स्थिति में किसी और के बदले अपने आप पर भरोसा करना होगा क्योंकि जिनके भरोसे बैठे हैं उस सरकार, राजनैतिक दल, एनजीओ वगैरह में से तो कोई आता नहीं!
नीतीश कुमार ने कहा, "तो भाई आखिर इसका क्या अर्थ होने वाला है। कहाँ ले जाना चाहते हैं समाज को, किस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं? आपको कोई भ्रम है क्या कि आपकी भाषा के प्रयोग करने से कुछ होता है? कुछ नहीं होता है...."
घर में फँसे डिप्टी सीएम को रेस्क्यू करना पड़ा और मुख्यमंत्री अमेरिका की बातें कर रहे। अधिकारियों के सामने केंद्रीय मंत्री लाचार हैं और सीएम मुंबई की याद दिला रहे। शायद, नीतीश भूल चुके हैं कि बिहार के लिए उनकी जिम्मेदारी बनती है और सवाल उनसे पूछे ही जाएँगे।
यह भी चंद दिनों का ख़ब्त है। अभी आप पूरे देश के बुद्धिजीवियों, कार्यकर्ताओं को केरल और चेन्नै के बहाने गाली दे रहे हैं, लेकिन यह भूल जा रहे हैं कि आज के युग में आर्थिक बल ही सब कुछ है। बिहार यहाँ नीचे से पहले पायदान पर है।