मंच पर उपस्थित नेताओं को जैसे ही ग़लती का एहसास हुआ, उन्होंने नारे को ठीक करवाया और फिर से 'प्रियंका गाँधी ज़िंदाबाद' के नारे लगवाए गए। हालाँकि, इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों के मज़ाक का विषय-वस्तु बन गया।
चिदंबरम को 21 अगस्त को सीबीआई ने गिरफ़्तार किया था। उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि राहुल और प्रियंका का उनके पिता से मुलाक़ात करने का मतलब है कि पूरी कॉन्ग्रेस पार्टी उनके साथ मजबूती से खड़ी है।
"पार्टी ने यूपी विधानसभा अध्यक्ष के सामने याचिका दाखिल कर रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह की सदस्यता खत्म करने को लेकर याचिका भेजी है। उन्होंने सरकार द्वारा यूपी विधानसभा में 2 अक्टूबर को आयोजित विशेष सत्र का बहिष्कार करने के लिए पार्टी व्हिप का अनादर किया था।"
पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व एमएलसी सिराज मेहँदी, यूपी के पूर्व गृहमंत्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्रा, पूर्व विधायक नेकचन्द्र पाण्डेय, पूर्व विधायक हाफ़िज़ मोहम्मद उमर, पूर्व विधायक विनोद चौधरी के साथ-साथ...
पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने ऊपर युवा नेतृत्व थोपे जाने का आरोप मढ़ते हुए प्रियंका गाँधी की नीति और निर्णयों के ख़िलाफ़ बगावत की है। इसके बाद प्रदेश कॉन्ग्रेस ने अपने पार्टी के 11 वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ़ न केवल कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, बल्कि...
प्रियंका गाँधी की ओर से पार्टी के 350 पूर्व सांसद, MLA, MLC, 2019 के लोकसभा उम्मीदवार और 2017 के विधानसभा उम्मीदवारों को बुलावा भेजा गया था। लेकिन इंदिरा गाँधी की छवि वाली प्रियंका के बुलावे के बावजूद आए कितने? सिर्फ 40! मतलब 350 में से सिर्फ 40... बहुत नाइंसाफी हो गया ये तो!
यह 'ऐतिहासिक तथ्य' है कि महात्मा गाँधी के उत्तराधिकारी होने के चलते नेहरू जी बड़े ही सात्विक और सरल व्यक्ति थे। इसके बावजूद प्रियंका गाँधी को कई एक ट्विटर यूज़र ने यह पूछ दिया कि प्रधानमंत्री आवास में उन दिनों कोई दूसरा कमरा, या कोई और बिस्तर ही नहीं था क्या।
स्पेशल वीवीआईपी सिक्योरिटी यूनिट के कमांडोज़ की एक टुकड़ी राहुल गाँधी के तुग़लक़ लेन स्थित आवास पर तैनात है। प्रियंका गाँधी के लोधी एस्टेट घर की सुरक्षा-व्यवस्था भी दूसरी टीम ने सॅंभाल ली है।
कॉन्ग्रेस की सहयोगी पार्टी एनसीपी के नेता ने कहा कि उनका व्हाट्सएप्प हैक किए जाने की सारी ख़बरें आधारहीन हैं। इस तरह उन्होंने कॉन्ग्रेस के आरोपों की पोल खोल दी। इसके बाद कॉन्ग्रेस समर्थक तीन महिला पत्रकारों ने प्रफुल्ल पटेल के इस बयान पर चर्चा की।
"कॉन्ग्रेस पार्टी भले ही दस साल आगे की सोच रखने का दावा करती हो मगर सच्चाई यह है कि इस पार्टी के लोग अगले दस मिनट में क्या कर डालेंगे, इसका किसी को कोई अंदाज़ा नहीं। हकीकत यह है कि आप आने वाले समय में एक वेब सीरीज बना सकते हैं कि कैसे कॉन्ग्रेस पार्टी जनता से दूर होती चली गई।"