हिंदुओं का दावा है कि तबलीगी जमात के लोगों ने उन्हें प्रताड़ित किया। उनके घरों में तोड़फोड़ की। इस्लाम कबूल नहीं करने पर एक हिंदू लड़के का अपहरण भी कर लिया।
निजामुद्दीन चिश्ती जैसों के 'शांतिपूर्ण सूफीवाद' का मिथक खूब फैलाया गया है। लेकिन वास्तविकता यही है कि ये जिहाद को बढ़ावा देने, 'काफिरों' के धर्मांतरण के लिए ही भारत आए थे।
झारखंड में सरकार बदलते ही आदिवासियों के जबरन धर्मांतरण ने जोर पकड़ लिया है। खासकर, लॉकडाउन के दौरान चर्च के एजेंटों ने इस बड़े पैमाने पर अंजाम दिया है।
जिस समय दुनिया कोरोना से लड़ रही है उत्तराखंड ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण के षड्यंत्रों से भी संघर्षरत है। यह कभी ऑनलाइन तो कभी राशन, बाइक और मुर्गा के नाम पर परोसा जा रहा है।