तमिलनाडु में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 96 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से 84 संक्रमित लोग दिल्ली निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़ हुए हैं।
अस्पताल ने शव WHO प्रोटोकॉल के तहत सील बॉडी बैग में सौंपा था। लेकिन मृतक के बेटों ने इसकी अनदेखी करते हुए बैग से शव निकाल स्नान कराया। लोगों को जुटाकर जनाजा निकाला और पूरे रीति-रिवाज के साथ शव को दफनाया।
तमिलनाडु से 50 कोरोना के नए मरीज सामने आए हैं। आश्चर्य की बात यह कि इन 50 नए मरीजों में से 45 मरीज वह हैं, जिन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए मजहबी सम्मेलन में हिस्सा लिया था। सम्मेलन में तमिलनाडु से शामिल होने वाले 501 जमातियों की पहचान हो गई है।
"लोगों के बीच जागरूकता बहुत कम है। उन्हें जागरूक करने के लिए हमने कुछ अलग करने की सोची। हमने एक हेलमेट डिजाइन किया है जो कोरोना वायरस की तरह दिखता है। हमने कुछ ऐसा करने के बारे में सोचा, जो लोगों को डराए और उन्हें घर पर बनाए रखे।"
यह व्यक्ति पिछले हफ्ते ही श्रीलंका से लौटा था। उसे उसके घर में ही क्वारंटाइन किया गया था। पुलिस के अनुसार इसकी वजह से वह दिमागी रूप से असंतुलित हो चुका है। यह व्यक्ति टेक्सटाइल व्यापारी है।
कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए लोगों से एक जगह जुटने को नहीं कहा जा रहा। लेकिन, तौहीद जमात जैसे कट्टरपंथी संगठनों को इन सबसे फर्क नहीं पड़ता। सीएए विरोध में चेन्नई हाई कोर्ट के पास प्रदर्शन कर उन्होंने यह बता दिया है।
सीएए विरोधियों और माओवादियों के बीच लिंक मिलने के बाद राज्य में सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं। बताया जा रहा है कि नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोग सरकारी कार्यालयों में अनिश्चितकालीन हड़ताल करवाने की फिराक में लगे हुए हैं।
पिछले साल भूवैज्ञानिकों द्वारा यहाँ बाढ़ तलछट परतों के ज्ञान के साथ निर्देशित साइट पर हुई खुदाई के दौरान उलूग खान का नाम चर्चा में आया। इसके अलावा इस खुदाई से ये भी पता चला कि आखिर उस समय मंदिर के परिसर से क्या-क्या गायब हुआ था।
मोहम्मद शहंशाह और एस सौम्या ने निकाह के दौरान रस्में निभाने की बजाए सीएए और एनआरसी के विरोध की शपथ ली। शहंशाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उसे ये निकाह तो कबूल है लेकिन सीएए कबूल नहीं है। कई प्रदर्शनकारी निकाह के दौरान मौजूद थे।