तबलिगी जमात और दुनिया भर में आतंकवादी कारणों के लिए एक प्रमुख भर्ती एजेंसी है। अधिकांश युवा चरमपंथियों के लिए, तबलीगी जमात में शामिल होना उग्रवाद की राह पर पहला कदम है
विकिलीक्स के दस्तावेजों के अनुसार, अमेरिका द्वारा हिरासत में लिए गए 9/11 आतंकी हमले के कुछ अलकायदा संदिग्ध कई साल पहले दिल्ली स्थित निजामुद्दीन तबलीगी जमात परिसर में रुके थे। वहीं, 2003 की न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि ये लोग भारत के ग्रामीण इलाकों से शुरू होकर विश्वभर में 'धार्मिक उपदेशक' के नाम पर फैलते गए।
खूँखार आतंकी अहमद उमर शेख सईद की फाँसी को 7 साल कैद करने की सूचना मिलने के बाद अमेरिका शांत नहीं है। उसने पाकिस्तान को चेताया है क्योंकि माना जा रहा है कि ISI ने कोर्ट के फैसले के बहाने एक बड़ी साजिश रची है। उमर शेख ने 18 वर्ष पहले अमेरिका के खोजी पत्रकार डेनियल पर्ल को मारा था।
दुनिया भर में वुहान कोरोना वायरस के प्रसार में अपनी भारी भागीदारी सुनिश्चित करने से पहले तबलीगी जमात से जुड़े लोगों ने आतंकवादी हमलों में नियमित रूप से भाग लिया। 2017 के लंदन ब्रिज हमले में हमलावरों में से एक, यूसुफ ज़ाग्बा को तबलीगी जमात से जुड़ा था। 2005 में लंदन बम धमाकों को अंजाम देने वाले 7/7 आतंकवादियों के सरगना मोहम्मद सिद्दीकी खान और सहयोगी शहजाद तनवीर को भी तबलीगी जमात से जुड़ा था।
लश्कर और आईएसआई ने मिलकर बनाया TRF जेके। मकसद उत्तरी कश्मीर में कुछ खास लोगों की हत्या और सुरक्षाबलों पर हमले। लेकिन, यह संगठन अपने मंसूबों में कामयाब हो पाता उससे पहले ही उसके पूरे मॉड्यूल को ध्वस्त कर दिया गया है।
तानिया आइएस की तर्ज पर भारत में इस्लामिक राज्य की स्थापना करना चाहती थी। उसका सहयोगी मनाजीरुल इस्लाम भी पकड़ा गया है। वह भी तानिया की तरह छात्र है। इस्लाम भी लगातार पाकिस्तानी आकाओं के संपर्क में था।
21 साल की तानिया ने 10 साल पहले घुसपैठ किया। अरबी लिटरेचर की एमए फाइनल ईयर की यह छात्रा दो साल से लश्कर के लिए सक्रिय तौर पर काम कर रही थी। आतंकी संगठन के लिए भर्तियॉं करने से लेकर संवेदनशील सूचनाएँ जुटाने तक हर काम में वह संलिप्त थी।
वायुसेना जवानों की हत्या तब की गई जब वे एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इन्तजार कर रहे थे। एक मारुति जिप्सी और एक बाइक से 5 आतंकी वहाँ पहुँचे और एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों ने ख़ून से लथपथ जवानों के सामने डांस करते हुए जिहादी नारे भी लगाए थे।
NDTV की निधि राजदान 'Kashmirosint' नामक ट्विटर हैंडल से अक्सर बातचीत किया करती थीं। अब सामने आया है कि ये ट्विटर अकाउंट आतंकवादियों द्वारा संचालित किया जाता था और इसके द्वारा प्रोपेगंडा व फेक न्यूज़ फैलाया जाता था। दिल्ली दंगों में भी इसका इस्तेमाल किया गया।