Sunday, September 1, 2024
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हथियारों की ट्रेनिंग लेने Pak जाने वाली थी तानिया परवीन, मदरसों से जुटाती थी लश्कर के लिए मदद

तानिया ने मुर्शिदाबाद में कई आतंकी शिविर भी बना रखे थे, जहाँ वो अपने लोगों को भड़काऊ भाषण देने के लिए प्रशिक्षण देती थी। वहाँ वो लोगों को 'जिहाद' सिखाती थी और आतंकी गतिविधियों के संचालन के गुर भी सिखाती थी।

पश्चिम बंगाल में शुक्रवार (मार्च 20, 2020) को 21 साल की कॉलेज छात्रा तानिया परवीन गिरफ्तार की गई थी। वह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी है। उसे नॉर्थ 24 परगना जिले के बदुरिया से पकड़ा गया था। फ़िलहाल वो बशीरहाट सब डिविजनल कोर्ट के आदेश पर 14 दिनों की पुलिस रिमांड पर है, जहाँ उससे पूछताछ जारी है। आतंकी तानिया परवीन के व्हाट्सप्प ग्रुप में लश्कर-ए-तैयबा के सबसे बड़े सरगना हाफ़िज़ सईद के दो करीबियों के नंबर मिले हैं। इन्हीं दोनों के माध्यम से मुंबई हमले का मास्टरमंड तानिया को सन्देश भेजा करता था। तानिया को हवाला का जरिए रुपए भी भेजे गए थे। गिरफ़्तारी से पहले वो बांग्लादेश सीमा पर विभिन्न आतंकी संगठनों को एकजुट कर बड़े हमले की साजिश रचने में लगी हुई थी।

पश्चिम बंगाल की सोशल टास्क फोर्स द्वारा पूछताछ में तानिया से ये जानकारियाँ मिली हैं। तानिया के एक सहयोगी को भी हिरासत में लिया गया है, जो उसकी तरह ही छात्र है। उसका नाम मनाजीरुल इस्लाम है। इस्लाम के पास से दो मोबाइल फोन और कई सिम कार्ड्स मिले हैं। वो भो लगातार अपने पाकिस्तानी आकाओं के संपर्क में था। तानिया के पास से बरामद इलेक्ट्रॉनिक चीजों सहित अन्य सामानों को फॉरेंसिक जाँच हेतु भेजा गया है।

तानिया का मुख्य लक्ष्य था कि वो एक इस्लामिक राज्य की स्थापना करे। इसके लिए उसे खूँखार वैश्विक आतंकी संगठन आईएसआईएस से प्रेरणा मिली थी। वो उसी तर्ज पर काम करते हुए एक इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना चाहती थी। पाकिस्तान से उसके आकाओं ने उसे कई भड़काऊ पुस्तकें भेजी थीं, जिसे पढ़ कर उसकी सोच और भी कट्टरवादी हो गई थी। 3 साल से लश्कर से जुडी तानिया को ‘जिहाद’ का प्रशिक्षण इन्हीं किताबों के जरिए मिला। पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले के बाद उसकी फोटो शेयर कर के तानिया ने आतंकियों की प्रशंसा भी की थी।

गिरफ़्तार आतंकी तानिया परवीन को लेकर ‘दैनिक जागरण’ के राष्ट्रीय संस्करण में छपी ख़बर

बता दें कि पिछले कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की कमर टूटने के बाद पूरे भारत में उनके स्लीपर सेल्स लगभग ख़त्म हो गए थे, जिसे पुनर्जीवित करने का ठेका तानिया को दिया गया था। उसने कई व्हाट्सप्प ग्रुप बना कर ये काम शुरू किया। इनमें से कुछ ग्रुप्स में पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल थे। उसका उद्देश्य था कि युवाओं, ख़ासकर छात्र-छात्राओं को कट्टरपंथी बना कर उन्हें आतंकी संगठनों से जोड़ा जाए। तानिया अक्सर आसपास के इलाक़ों में स्थित मदरसों का दौरा करती थी और वहाँ भड़काऊ भाषण देकर लश्कर के लिए लोग जुटाती थी।

तानिया ने मुर्शिदाबाद में कई आतंकी शिविर भी बना रखे थे, जहाँ वो अपने लोगों को भड़काऊ भाषण देने के लिए प्रशिक्षण देती थी। वहाँ वो लोगों को ‘जिहाद’ सिखाती थी और आतंकी गतिविधियों के संचालन के गुर भी सिखाती थी। वो कुछ दिनों बाद अत्याधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेने पाकिस्तान जाने वाली थी। वह बांग्लादेश होकर पाकिस्तान जाने वाली थी, जहाँ वो आईएसआई अधिकारियों से मिलने वाली थी। वो आतंकी संगठन के लिए मोटी रकम भी जुटा रही थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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