गृह मंत्रालय द्वारा यह क़दम जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा 22 और 23 फरवरी को घाटी में जमात के 100 कैडरों को गिरफ़्तार करने के बाद उठाया गया है। गिरफ़्तार किए गए लोगों में आतंकी संगठन के प्रमुख अब्दुल हामिद फैयाज़ और प्रवक्ता वकील ज़ाहिद अली शामिल है।
क्या इमरान नहीं जानते कि जैश-ए-मोहम्मद के बाक़ायदा बोर्ड लगे हुए हैं पाकिस्तान में? फिर ये दोगलों जैसी बातें क्यों करता है इमरान? स्वीकार लो कि तुम एक नकारा प्रधानमंत्री हो, जिसके हाथ में न तो सत्ता है, न आर्मी है और न ही वो तमाम आतंकी जो तुम्हारी बात सुनते हों।
पत्रकार रहीमुल्ला ने ऐसे शब्दों का प्रयोग किया, यह कुछ हद तक समझा जा सकता है लेकिन आप दिल्ली में बैठ कर इसे काट-छांट सकते थे। लेकिन नहीं। 'बहनोई' की इज्जत में लिखे गए शब्दों पर संपादकीय कैंची कैसे?
यह दोनों आतंकी यूपी में उन लोगों की तलाश कर रहे थे जिनका ब्रेन वॉश करके जैश में शामिल कराया जा सके। इस सिलसिले में वो कई बार देवबंद और बाक़ी के ज़िलों में भी जा चुके हैं। इन आतंकियों के कब्जे से 32 बोर का पिस्टल और 30 कारतूस बरामद हुए हैं।
इस ऑपरेशन को 55-राष्ट्रीय राइफल्स, CRPF और SOG के जवानों ने संयुक्त रूप से चलाया। भारी गोला-बारी के बीच सुरक्षाबलों ने उस बिल्डिंग को उड़ा दिया, जहाँ ये आतंकी छिपे बैठे थे।
जिन आतंकियों को घेर कर सेना ने कार्रवाई शुरू की, वो जैश-ए-मोहम्मद के ही हैं। सूचना यह भी है कि पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमांइड गाजी राशिद भी इसी इलाके में छिपा हुआ है।
ऑडियो में अज़हर को यह भी कहते सुना गया कि इस हमले में होने वाली मौत से आनंददायक और कुछ भी नहीं। मसूद द्वारा जारी ऑडियो में वो फिदायीन हमलावार को भारत के ख़िलाफ़ भड़काते हुए भी सुना गया।
इस बार आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में रजौरी के नौशेरा में आईईडी ब्लास्ट किया, जिसमें इंजीनियरिंग कोर के मेजर के साथ दो अन्य गंभीर जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
अमेरिका के एनएसए जॉन बॉल्टन ने बीते शुक्रवार सुबह जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से फोन पर बात करते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की थी।