Saturday, April 20, 2024

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Umar Khalid

बंदूकें, बम, पत्थर-गुलेल… और भीड़: JNU वाले उमर खालिद ने ऐसे भड़काए थे दंगे, FIR कॉपी से खुलासा

दिल्ली हिन्दू-विरोधी दंगों के पीछे सोचा-समझा षड्यंत्र और एक गहरी साज़िश थी। उमर खालिद पर जो FIR हुई है, उसमें स्पष्ट रूप से हर बात का जिक्र...

दिल्ली हिंदू विरोधी दंगा: कट्टरपंथी इस्लामी संगठन PFI सहित कई अन्य संस्थाओं और ‘स्टूडेंट एक्टिविस्ट’ का हाथ, पुलिस जाँच में खुलासा

दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों PFI, JCC पिंजरा तोड़ और AISA से जुड़े......

JNU नेता उमर खालिद व कई संगठनों से जुड़े उसके सहयोगियों ने मिलकर रची दिल्ली दंगों की साजिश, FIR में कई गंभीर आरोप

FIR में बताया गया है कि दिल्ली में हुई हिंसा फैलाने की साजिश उमर खालिद और उसके सहयोगियों, जो अलग-अलग संगठन से जुड़े हैं, ने मिलकर रची।

उमर खालिद और सहयोगियों पर UAPA के तहत केस दर्ज, दिल्ली हिन्दू विरोधी दंगों की साजिश का आरोप

JNU छात्र नेता उमर खालिद, मीरन हैदर और सफूरा जरगर के खिलाफ दिल्ली में भड़के हिन्दू-विरोधी दंगों की साजिश रचने के लिए UAPA के तहत...

ट्रम्प का ध्यान खींचने के लिए रची गई थी दिल्ली दंगों की साज़िश: उमर खालिद के इस भाषण से हुआ खुलासा

"हम वादा करते हैं। 24 फरवरी को जब डोनाल्ड ट्रम्प भारत आएँगे तो हम उनको बताएँगे कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री और यहाँ की सरकार देश को बाँटने का काम कर रही है । हम उन्हें बताएँगे कि हिंदुस्तान की जनता यहाँ की सरकार के ख़िलाफ़ लड़ रही है।"

शिवसेना के आदित्य ठाकरे करेंगे ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ उमर खालिद के साथ CAA-NRC विरोधी आयोजन में शिरकत

भाजपा को धोखा देने के बाद शिवसेना से जनता ने उम्मीद की थी कि वे पार्टी की मूल विचारधारा यानी 'हिदुत्व' के साथ बेईमानी न करें। लेकिन अब आदित्य ठाकरे के ऐसे समारोह में शामिल होने की खबर देखकर लग रहा है कि शिवसेना अपनी मूल विचारधारा पर भी पानी फेरने को तैयार है।

‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’: कन्हैया चिल्ला रहा था, कर रहा था भीड़ का नेतृत्व – पुलिस ने की पुष्टि

1200 पन्नों की चार्जशीट में इस बात का ज़िक्र है कि 2016 में हुई यह घटना सोची-समझी साज़िश और पूरी प्लानिंग के साथ हुई थी। पुलिस ने इस मामले से जुड़े 90 गवाहों को साक्ष्य के तौर पर रखा है

कन्हैया, उमर समेत टुकड़े-टुकड़े गैंग पर जल्द होगा आरोप पत्र दायर

हालाँकि छद्म-लिबरलों और वामपंथी मीडिया गिरोह ने इसे 'डिस्सेंट', यानि 'असहमति की अभिव्यक्ति' बताते हुए सरकार को घेर लिया कि 'फ़्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन' या 'अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार का हनन किया जा रहा है।

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