अगर किसी फिरोज खान को हिंदू धर्म की शिक्षा देने की जिम्मेदारी दी जा रही है तो क्या यह पूछा नहीं जाना चाहिए कि मालवीय जी के आदेश का क्या होगा? फिरोज खान जिस धर्म से ताल्लुक रखते हैं वो हिंदुओं को काफिर और वाजिबुल कत्ल मानता है। अगर वो इससे सहमत नहीं हैं तो घर वापसी कर लें।
वेद, व्याकरण, ज्योतिष, वैदिक दर्शन, धर्मागम, धर्मशास्त्र मीमांसा, जैन-बौद्ध दर्शन के साथ-साथ इन सबसे जुड़ा साहित्य। क्या ये विषय महज साहित्य हैं? क्या आप चाहेंगें कि इन विषयों को वो लोग पढ़ाएँ जिनका इनके मर्म और मूल्यों से कोई वास्ता ही न हो? क्या आप चाहेंगे कि इनकी इस्लामी और ईसाइयत मिश्रित व्याख्या हो......
जिसकी परवरिश एक तय तरीके से हुई है, वो अचानक से उस संकाय में प्रोफेसर बना दिया जाए जो पूरे विश्व में हिन्दू धर्म और आस्था पर उठते सवालों या शंकाओं का निवारण करता है? आप मुझे एक उदाहरण दिखा दीजिए कि किसी इस्लामी संस्थान में हिन्दू प्रोफेसर शरीयत पढ़ाकर मौलवी तैयार कर रहा हो!
"'संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय' में समझने की बात यह है कि 'संस्कृत विद्या' किसी भी धर्म का व्यक्ति पढ़-पढ़ा सकता है। लेकिन 'धर्म विज्ञान' के लिए, सनातन हिन्दू परम्पराओं, वेद, वेदांग, कर्मकाण्ड, ज्योतिष के प्रति पूरी श्रद्धा और भाव से समर्पित लोगों को ही पद दिया जा सकता है।"
शैखू आलम साबरिया चिश्चितिया मदरसा के मौलाना इस्तिफाक कादरी ने कहा कि राखी भेजने का तरीका केवल एक दिखावा है। इसके पीछे सिर्फ़ राजनीति है। मुस्लिम महिलाओं की और भी समस्याएँ हैं सरकार को उन पर भी ध्यान देना चाहिए।
अपने वाराणसी दौरे में प्रधानमंत्री मोदी बड़ा लालपुर में दीनदयाल उपाध्याय व्यापार सुविधा केंद्र में लगभग 5,000 पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर वो सदस्यता अभियान शुरू करेंगे, साथ ही कुछ कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी करेंगे।
कोल्ड ड्रिंक न मिलने को विजय ने अपना अपमान मानते हुए विदाई से ही इंकार कर दिया जिसके कारण दोनो पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। दुल्हन भी दूल्हे की हरकत देखकर हैरान थी। सूचना पाकर पहुँची पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया।
अजय राय पीएम मोदी की आलोचना करते-करते पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ कर बैठे। उन्होंने वाजपेयी को बड़े हृदय के व्यक्ति बताते हुए कहा कि वो हर किसी को साथ लेकर चलते थे।
सरदेसाई पर इस तरह से सीधा अटैक करने के बाद, कॉन्ग्रेस के लिए तमाम तरह से जीवन भर पैडलिंग करने के बावजूद, राजदीप के पास ऐसा एक भी काम नहीं था कॉन्ग्रेस का जिसे वो बनारस की जनता को गिना सकें। वहाँ बैठे बनारसियों ने उन्हें पानी पीला दिया और दुकान पर बैठे लोगों ने इस सन्नाटे को चीरने के लिए माहौल मोदी मय कर दिया। साथ ही यह भी बता दिया कि बनारस किसी के भड़कावे में नहीं आने वाला, वह विकास के साथ है, मोदी के साथ है।