पीड़िता अपने प्रेमी के साथ बाइक पर जा रही थी। बदमाशों ने उन्हें रोक लिया और युवती के साथ बदसलूकी करना शुरू कर दिया गया। युवती ने अपना चेहरा दुपट्टे से ढक रखा था। बदमाशों ने जबरन दुपट्टा हटा कर वीडियो बनाने का प्रयास किया। बाद में आरोपितों ने लड़के को पकड़ लिया।
"तीन भाइयों- आसिफ़, हाफिज़ और अनीस के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। ये मृत बंदर के इर्द-गिर्द घूम रहे थे और उनमें से एक ने बंदर को गोली मार दी। बंदर की पीठ पर गोली लगी और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई।" हिंदू मान्यता के अनुसार बंदर को भगवान हनुमान का रूप कहा जाता है।
एसपी केजी साइमन ने बताया कि कूडाथई गाँव की जॉली जोसेफ ने परिवार के सभी 6 सदस्यों की हत्या करने का गुनाह कबूल कर लिया है। एसपी केजी साइमन ने कहा कि जॉली की गिरफ्तारी उसके 40 वर्षीय पति रॉय थॉमस की हत्या के मामले में हुई है, जिसमें पुलिस को 2011 में शव परीक्षण के दौरान हत्या के कुछ वैज्ञानिक साक्ष्य मिले थे।
फरहीन और इंतजार का करीब तीन साल पहले निकाह हुआ था। 3 अक्टूबर को फरहीन को उसके परिजन अपने घर ले गए। पीछे-पीछे इंतजार भी ससुराल पहुॅंच गया। अगले दिन संदिग्ध परिस्थितियों में जलने के कारण उसकी मौत हो गई।
इलाके में करीब 600 घरों में से 65%, यानी 400 के आस-पास समुदाय विशेष के हैं। कथित तौर पर बलात्कारियों ने पीड़िता का कुरता नहीं उतारा- क्योंकि वह अनुसूचित जाति पासी की थी, जिसे स्थानीय समुदाय विशेष वालेअपने से 'नीचे' देखते हैं।
दुष्कर्म के बाद आरोपित किशोरी को उसके घर के पास फेंक कर फरार हो गए।आरोपित भी पीड़िता के गॉंव से ही हैं। आरोपितों को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
मौलाना ने हेड कॉन्स्टेबल पीड़िता को विश्वास दिलाया कि उसका बेटा उसके मृत पति के पास है। बेटे का इलाज करने के नाम पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। शारीरिक संबंध न बनाने पर महिला को उसके बेटे की मौत की चेतावनी देकर डराता-धमकाता था मौलाना।
इस मामले में नवलखा के अलावा वरवरा राव, अरुण फरेरा, वर्णन गोन्साल्विज और सुधा भारद्वाज भी आरोपित हैं। पुणे पुलिस ने 31 दिसंबर, 2017 को एल्गार परिषद के बाद एक दिसंबर को भीमा-कोरेगाँव में हुई कथित हिंसा के मामले में जनवरी, 2018 को FIR दर्ज की थी।
चार्जशीट के मुताबिक़, तीनों आरोपितों ने 4 जून की घटना के एक सप्ताह बाद कथित रूप से पीड़िता का अपहरण और सामूहिक बलात्कार किया था। तीस हज़ारी कोर्ट 10 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगा।
जुलाई के अंत में बिजनौर के पंचमुखी हनुमान मंदिर में दो युवक मूर्तियों को तोड़ने की कोशिश करते पकड़े गए थे। दोनों ने माथे पर टीका लगा रखा था ताकि किसी को उन पर शक न हो।