Sunday, December 22, 2024

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अभिव्यक्ति की आजादी

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: उसकी कमीज मेरी कमीज़ से सफेद कैसे? लोकतंत्र के लिए ये दाग अच्छे नहीं

सुप्रीम कोर्ट तक की निंदा करने वाले क्या सच में 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' के पक्षधर हैं? या फिर ये बुद्धिजीवी का नक़ाब ओढ़े हुए...

प्रशांत भूषण के पास 30 मिनट का और समय, अपनी टिप्पणी के जवाब में जो बयान दिया, वह ज्यादा अपमानजनक: SC

जस्टिस मिश्रा ने चेतावनी देकर छोड़ने के सवाल पर कहा कि जब प्रशांत भूषण यही नहीं मानते हैं कि उन्होंने कुछ गलत किया है तो फिर ऐसे में...

स्टेज पर नंगे होकर प्रदर्शन करने वाली कॉमेडियन: जिसे है बुर्के से प्यार, करती है हिंदू देवी-देवता से नफरत

राधिका वाज को हिंदू धर्म से नफ़रत है। उसका दावा है कि भारत दुनिया का चौथा सबसे खतरनाक देश है और इसके लिए हिंदू धर्म के आदमी...

आदित्य ठाकरे को ‘बेबी पेंग्विन’ और उद्धव को कहा औरंगजेब: नागपुर के युवक पर FIR दर्ज

शिकायत के अनुसार, समित ठक्कर ने एक ट्वीट में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को औरंगज़ेब और उनके बेटे आदित्य ठाकरे को 'बेबी पेंग्विन’ कहा था।

आतंकवादी के प्रति सहानुभूति जताने के लिए रूसी पत्रकार पर ₽5 लाख का जुर्माना, मानवाधिकर संगठनों ने जताया विरोध

रूस की पत्रकार Svetlana Prokopyeva पर आरोप है कि उन्होंने आतंकवादी के साथ सहानुभूति जताई। जुर्माने के बाद HR संस्थाओं ने जताया विरोध।

ऑपइंडिया को पुलिस से डराना: ‘प्रेस स्वतंत्रता’ टुटपुँजिया वामपंथी पत्रकारों या बड़ी संस्थाओं की बपौती नहीं

किसी भी राज्य की पुलिस, हमारे पीछे अपनी राजनैतिक मजबूरियों के कारण भले ही लग जाए, लेकिन वो ऑपइंडिया से खबरें डिलीट नहीं करवा सकते। कानूनी रूप से लड़ोगे, हम पहले से ज्यादा तैयार हैं। हम यहाँ टिकने आए हैं, खबरें डिलीट करने नहीं।

जब लोकमान्य तिलक की प्रेस को बिकने से बचाने के लिए लोगों ने जुटाए थे ₹3 लाख

अभिव्यक्ति की आजादी के लिए राष्ट्रवादी विचारधारा को वही संघर्ष आज भी देखना पड़ता है, जिससे एक समय लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को गुजरना पड़ा था।

ऑपइंडिया और इनके सम्पादकों के हालिया उत्पीड़न पर CEO राहुल रौशन का संदेश

हमले हमें परेशान नहीं करते हैं, वास्तव में, अगर वे हम पर हमला नहीं करते हैं, तो हमें ऐसा लगता है कि हम कुछ सही नहीं कर रहे हैं, कुछ दमदार काम नहीं है। इसलिए सबसे पहले, ऐसे नफरत करने वालों को धन्यवाद, वे हम पर हमला करते रहें।

अभिव्यक्ति की आजादी देश की चूलें हिलाने में नहीं, देशहित में अभिव्यक्त हों: आजादी के सिपाहियों की मंशा

कुछ लोगों को लगता है कि सत्ता के खिलाफ आवाज उठाना ही सबसे बड़ा वाक्शौर्य है, लेकिन वो भूल जाते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब सिर्फ...

इमरजेंसी में स्नेहलता, आज अर्नब: विरोधियों के दमन का कॉन्ग्रेसी तरीका

वो कॉन्ग्रेस के इमरजेंसी का समय था। विरोध के कारण अभिनेत्री स्नेहलता को जेल में ऐसी यातनाएँ दी गईं कि उनकी मौत हो गई। अब अर्नब को...

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