अस्थायी मंदिर का ब्लू प्रिंट तैयार हो गया है। यह गर्भ गृह से 150 मीटर की दूरी पर होगा। नवरात्रि के पहले दिन से अस्थायी मंदिर में ही श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे।
मोहम्मद इस्लाम जल्द ही अयोध्या जाकर महंत नृत्यगोपाल दास को यह पौराणिक महत्व वाला सिक्का भेंट करने जा रहे हैं। साथ ही मोहम्मद इस्लाम चाहते हैं कि यह सिक्का बेचकर जो भी धन इकठ्ठा हो, उससे एक ही ईंट सही, लेकिन राम मंदिर में जरूर लगवाई जाए।
संत ने जिला प्रशासन से माँग की है कि उद्धव ठाकरे को अयोध्या आने की अनुमति न दी जाए लेकिन अगर यदि वह अयोध्या आते हैं तो वो स्वयं काला झंडा लेकर उनके काफिले को रोकेंगे। उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के नाम पर लोगों को ठगा है इसलिए अब अयोध्या में इनके लिए कोई स्थान नहीं है।
राम मंदिर निर्माण के लिए दान देना चाहते हैं? किसे देंगे? कहाँ देंगे? जिस एकमात्र ट्रस्ट को सरकार ने यह जिम्मेदारी दी है, अभी उसकी वेबसाइट नहीं बनी है। अयोध्या के DM के अनुसार, यह जल्द ही बन जाएगी। यही कारण है कि 2 करोड़ रुपए की चेक को लौटाना पड़ गया।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए फिर से शिलान्यास की जरूरत नहीं है, अब सिर्फ भूमिपूजन होगा जिसके लिए मोदी ने आने का वादा किया है।
लड़की के कोचिंग जाने के दौरान मो फिरोज, मो आदिल, मो सैफुद्दीन, मो सुलेमान ने उसे रोका और बहलाकर कचहरी के पीछे स्थित पार्क में ले जाकर उसके साथ अश्लील हरकत करने लगे।
"राम मंदिर निर्माण में अगर और भी जमीन की जरूरत होगी तो जमीन ली जा सकती है। आवश्यकता पड़ने पर इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार को लिखा जाएगा। जो पत्थर राम मंदिर के लिए रखे गए हैं, उन्हीं पत्थरों का इस्तेमाल निर्माण के लिए किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो और भी पत्थर मँगाए जा सकते हैं।"
जिन्होंने राम मंदिर बनवाने के लिए अपनी जाने गवाईं, उनके नाम पर शहीद स्मारक बननी चाहिए। इन 'शहीदों' के लिए श्रद्धांजलि के रूप में सरयू तट पर एक स्मारक बनवाया जाना चाहिए। अमर जवान की तरह इन शहीदों के नाम भी अमर जवान ज्योति के समान लिखा जाना चाहिए।
महंत नृत्य गोपाल दास रामजन्भूमि न्यास के भी अध्यक्ष हैं। परमहंस रामचंद्र दास के निधन के बाद वे न्यास के अध्यक्ष चुने गए थे। परमहंस रामचंद्र दास ने करीब 70 साल तक रामलला की लड़ाई थी।
"जब राम मंदिर बनेगा तो वहाँ उनके इष्ट देव शिव भी होंगे और सबको पता है कि शिव के निवास का एक स्थान श्मशान भी है, इसलिए मुस्लिम पक्ष को इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए।"