विकिलीक्स के दस्तावेजों के अनुसार, अमेरिका द्वारा हिरासत में लिए गए 9/11 आतंकी हमले के कुछ अलकायदा संदिग्ध कई साल पहले दिल्ली स्थित निजामुद्दीन तबलीगी जमात परिसर में रुके थे। वहीं, 2003 की न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि ये लोग भारत के ग्रामीण इलाकों से शुरू होकर विश्वभर में 'धार्मिक उपदेशक' के नाम पर फैलते गए।
तानिया आइएस की तर्ज पर भारत में इस्लामिक राज्य की स्थापना करना चाहती थी। उसका सहयोगी मनाजीरुल इस्लाम भी पकड़ा गया है। वह भी तानिया की तरह छात्र है। इस्लाम भी लगातार पाकिस्तानी आकाओं के संपर्क में था।
21 साल की तानिया ने 10 साल पहले घुसपैठ किया। अरबी लिटरेचर की एमए फाइनल ईयर की यह छात्रा दो साल से लश्कर के लिए सक्रिय तौर पर काम कर रही थी। आतंकी संगठन के लिए भर्तियॉं करने से लेकर संवेदनशील सूचनाएँ जुटाने तक हर काम में वह संलिप्त थी।
वायुसेना जवानों की हत्या तब की गई जब वे एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इन्तजार कर रहे थे। एक मारुति जिप्सी और एक बाइक से 5 आतंकी वहाँ पहुँचे और एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों ने ख़ून से लथपथ जवानों के सामने डांस करते हुए जिहादी नारे भी लगाए थे।
NDTV की निधि राजदान 'Kashmirosint' नामक ट्विटर हैंडल से अक्सर बातचीत किया करती थीं। अब सामने आया है कि ये ट्विटर अकाउंट आतंकवादियों द्वारा संचालित किया जाता था और इसके द्वारा प्रोपेगंडा व फेक न्यूज़ फैलाया जाता था। दिल्ली दंगों में भी इसका इस्तेमाल किया गया।
अलकायदा ने जम्मू कश्मीर को 'हिन्दुओं से आज़ाद' करा के यहाँ शरिया क़ानून लागू करने की बात कही है। संगठन ने कहा कि जब तक जेरुसलम का मस्जिद-ए-अक़्सा और अयोध्या का बाबरी मस्जिद 'काफिरों' से मुक्त नहीं हो जाता, तब तक जंग जारी रहेगी।
गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला ने दाऊद से जुड़े कई राज उगले हैं। बताया है कि कैसे मिर्जा दिलशाद बेग की वजह से डी गैंग का सरगना बच गया। उसने थाइलैंड और बांग्लादेश में भी दाऊद की पकड़ का खुलासा किया है।
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब में खुलासा किया है कि किस तरह से ISI द्वारा मुंबई के डॉन से मिलकर देश में हथियारों, गोला-बारूद और धन के वितरण के लिए एक नेटवर्क तैयार किया गया। इसका सिर्फ एक मकसद था भारत की अखंडता और स्थिरता पर प्रहार।
जर्मनी में समुदाय विशेष को लेकर विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। फ्रांस ने विदेशी इमामों को देश में नहीं आने देने का फरमान सुनाया है। ऐसा आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए किया गया है।
26 नवंबर 2008 को भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में लश्कर के 10 आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें 166 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद अमेरिका ने हाफिज को ब्लैक लिस्ट तो किया ही साथ ही उस पर इनाम भी घोषित किया था।