दिल्ली में आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के लिए गुप्त योजना पाँच दिन पहले क़रीब 900 किलोमीटर दूर कश्मीर में सेब के बाग में तैयार हुई। इसका खाका आतंकी संगठन जैश के जम्मू-कश्मीर कमांडर अबु उस्मान ने तैयार किया और इस गुप्त योजना को नाम दिया ‘डी’।
आतंकवादी सैनिकों की वर्दी में थे। उन्होंने ड्राइवर से बस रोकने के लिए कहा, लेकिन उसने बस नहीं रोकी। वह तेज़ी से निकला और निकटतम पुलिस चौकी को सूचना दी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया।
खुफिया एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद के 8 से 10 आतंकियों वाले एक मॉड्यूल को लेकर अलर्ट जारी किया है। आशंका है कि ये आतंकी भारतीय वायु सेना के ठिकानों को तबाह करने के लिए जम्मू-कश्मीर के आसपास आत्मघाती हमले को अंजाम देने की कोशिश कर सकते हैं।
बीते साल इसी तरह पेरिस में अज्ञात हमलावरों ने आम लोगों को निशाना बनाया था। बाद में इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी। 2017 में मिलान के ही रेलवे स्टेशन पर सेना और रेलवे पुलिस के अधिकारियों पर भी हमले हुए थे।
अफ़ग़ानिस्तान में 28 सितम्बर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और अधिकतर रैलियों में अशरफ गनी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही जनसभाओं को सम्बोधित किया है। लेकिन, इस बार उन्होंने ख़ुद रैली स्थल पर मौजूद थे।
पत्र में रोहतक जंक्शन, रेवाड़ी, हिसार, कुरुक्षेत्र, मुंबई सिटी, बंगलुरू, चेन्नई, जयपुर, भोपाल, कोटा, इटारसी रेलवे स्टेशनों और राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, एमपी, यूपी व हरियाणा सहित छह राज्यों के मंदिरों को निशाना बनाने की बात कही गई है।
“हमें जानकारी मिली है कि भारत के दक्षिणी हिस्से में आतंकी हमला हो सकता है। सर क्रीक से कुछ लावारिस बोट बरामद की गई हैं। हम आतंकी और विरोधी तत्वों की हर नापाक कोशिशों को नाकाम करने के लिए सावधानी बरत रहे हैं।”
65 वर्षीय गुलाम मोहम्मद जब रात में अपनी दुकान बंद कर रहे थे, तभी कुछ लोग मोटरसाइकिल पर आए और उन पर ताबड़तोड़ गोलियाँ चला दी। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
दोनों मृतक मुस्लिम गुज्जर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। आतंकियों ने इन दोनों को मारने से पहले उनके साथ काफ़ी दरिंदगी की। उनकी लाशें क्षत-विक्षत अवस्था में मिलीं। उनके दोनों हाथ बँधे हुए थे। आतंकियों ने मंज़ूर और क़ादिर को 20 अगस्त को अपहृत कर लिया था।