सोनभद्र जिले में जुलाई 17 को जमीन को लेकर हुए विवाद में 3 महिलाओं समेत 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी। उम्भा गाँव में हुई इस घटना में 17 लोग घायल भी हुए थे।
2 महीने पहले पति ने अपनी बीवी से मारपीट की और उसे घर से निकाल दिया। फिर 7 जुलाई को उसने तीन तलाक भी दे दिया। ठीक 14 दिन के बाद अचानक से ससुराल पहुँच बीवी को अपनाने की बात कही लेकिन अपने छोटे भाई के साथ हलाला करवाने के बाद!
पुलिस उपायुक्त (एयरपोर्ट) संजय भाटिया ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मेहराज सलमानी, आसिफ और फरमान को गिरफ्त में ले लिया गया है। उन्होंने बताया कि तीनों आरोपित उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले हैं।
जैसे ही काँवड़ियों का समूह कजियाना मुहल्ले मे पहुँचा, वहाँ के समुदाय विशेष ने उनके धार्मिक नारा 'बोल बम' का जयकारा लगाने पर आपत्ति जताई। मगर कांँवड़ियों का समूह फिर भी नारा लगाता रहा। इसके बाद गुस्से में आकर समुदाय विशेष ने उनकी पिटाई कर दी। एक काँवड़िया की हालत नाजुक...
नाहिद जिन लोगों के हक और रोजगार की बात के लिए लड़ाई लड़ने और हक के लिए आवाज उठाने की बात कह रहे हैं, वो लोग कैराना के सराय इलाके में अवैध रुप से रह रहे थे। प्रशासन का कहना है कि यह सरकारी जमीन है, जिस पर केवल सरकार का अधिकार है ।
योगी आदित्यनाथ ने सीधे-सीधे इस घटना के लिए कॉन्ग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस घटना की नींव 1955 में ही पड़ गई थी, जब कॉन्ग्रेस की सरकार थी। सोनभद्र के विवाद के लिए 1955 और 1989 की कॉन्ग्रेस सरकार दोषी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोनभद्र में जो घटना घटी है, उसकी नींव 1955 में रखी गई थी।
असिस्टेंट इलेक्ट्रिकल इंजीनियर राम शरन ने कहा, “यह तकनीकी खामी है। यदि वे हमें बिल लाकर देते हैं तो हम सिस्टम की तकनीकी खराबी को सुधारने के बाद उन्हें सही बिल जारी कर देंगे। यह कोई बड़ी बात नहीं है, तकनीकी समस्याएँ होती रहती हैं।”
आईएएस अधिकारी प्रभात मिश्र ने तहसीलदार के माध्यम से 17 दिसम्बर 1955 में जमीन को आदर्श कॉपरेटिव सोसायटी के नाम करा ली। जबकि उस समय तहसीलदार को नामान्तरण का अधिकार नहीं था।