भाजपा प्रत्याशी राजेश बाघा की शिक़ायत के आधार पर चुनाव आयोग ने धालीवाल को नोटिस जारी किया और रिटर्निंग ऑफिसर को जाँच करने और रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया था। अहमद द्वारा सौंपी गई जाँच रिपोर्ट के आधार पर, पुलिस ने अब धालीवाल के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया है। फगवाड़ा के एसपी मनविंदर सिंह ने भी इसकी पुष्टि की है।
“एक पिता के लिए इससे बेहतर अवसर और क्या हो सकता है? कॉन्ग्रेस जो चाहे कह सकती है, लेकिन यह सरकार 5 साल तक चलेगी और हरियाणा के विकास के लिए काम करेगी। इससे बेहतर दिवाली नहीं हो सकती थी।”
दिल्ली के होटल लीला में थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर मृत मिली थीं। थरूर के खिलाफ़ आईपीसी की धारा 498-A और धारा -306 के तहत मामला दर्ज है। फिलहाल वह जमानत पर हैं। दिल्ली पुलिस ने अदालत से उनके खिलाफ हत्या का मामला चलाने की इजाजत मॉंगी है।
“चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ को राजनीतिक बयान नहीं देना चाहिए। वे सरकार से इजाजत ले पीओके पर हमला करें और उसे वापस कश्मीर में शामिल करें। मुझे लगता है कि वे जल्द रिटायर होने वाले हैं इसलिए ऐसे बयान दे रहे।”
यूॅं ही नहीं कहते बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना। 44 सीटें जीत चौथे पायदान पर रही कॉन्ग्रेस भी शिव सेना के साथ मिल सरकार बनाने के ख्वाब बुन रही है। जबकि 54 सीटें जीतने वाली उसकी साझेदार एनसीपी बार-बार कह रही कि हम विपक्ष में बैठेंगे।
महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी ने सावरकर को भारत रत्न देने का वादा किया था। कॉन्ग्रेस ने जमकर इसका विरोध किया। हालॉंकि उसके राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका समर्थन करते हुए कहा था कि सावरकर ने आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी।
“हरियाणा के लोगों का जनादेश राज्य सरकार के खिलाफ है। मैंने पहले ही पूरे विपक्ष से अपील की है कि लोगों के जनादेश का सम्मान किया जाए और हम सभी को हाथ मिलाना चाहिए - चाहे वह जेजेपी, आईएनएलडी, निर्दलीय हों या कांडा का हरियाणा लोकहित पार्टी।”
"राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार मुझे परेशान कर रही है। राज्य की पुलिस एक महिला के आत्महत्या के मामले में मेरी बेटी और परिवार के सदस्यों के फोन टैप कर रही है, साथ ही पीछा भी करती है। इस मामले में मुझे 2 बार क्लीन चिट मिल चुकी है, इसके बावजूद कॉन्ग्रेस सरकार ने इस केस को दोबारा से चालू किया है।"
उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी अदालत ने ख़ारिज कर दी थी। इसके अलावा ईडी का यह भी आरोप है कि रतुल पुरी चॉपर घोटाले के मामले में एक गवाह की हत्या के लिए भी जिम्मेदार हैं।
1996 और 2005 का हरियाणा विधानसभा चुनाव - दोनों बार ओम प्रकाश चौटाला हार गए। दिलचस्प कि दोनों बार चौटाला बतौर मुख्यमंत्री चुनाव लड़ रहे थे। आखिर दोनों उन्हें हराया किसने - रणदीप सुरजेवाला ने। लोग उन्हें जाइंट किलर कहने लगे। लेकिन फिर वो राहुल गाँधी के करीबी हुए और इतिहास गवाह है कि...