हरियाणा विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख गोपाल कांडा ने खुलेआम भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया था। जिसको लेकर विपक्षी दलों ने काफी बवाल काटा। हालाँकि, तमाम कयासों और अटकलों पर विराम लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी ये साफ कर दिया है कि हरियाणा में पार्टी जेजपी के साथ मिलकर सरकार बनाएगी। पार्टी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी।
वहीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने स्वीकार किया कि वे प्रदेश में सरकार बनाने के लिए सारे विपक्षी दलों के पास गए। इसमें हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख गोपाल कांडा का भी नाम शामिल है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, “हरियाणा के लोगों का जनादेश राज्य सरकार के खिलाफ है। मैंने पहले ही पूरे विपक्ष से अपील की है कि लोगों के जनादेश का सम्मान किया जाए और हम सभी को हाथ मिलाना चाहिए – चाहे वह जेजेपी, आईएनएलडी, निर्दलीय हों या कांडा का हरियाणा लोकहित पार्टी।”
भूपिंदर सिंह हुड्डा की बातों से साफ स्पष्ट है कि कॉन्ग्रेस ने हरियाणा में सरकार बनाने के लिए गोपाल कांडा से समर्थन देने के लिए संपर्क किया था। खबर के मुताबिक कांडा ने कॉन्ग्रेस को समर्थन देने मना कर दिया और भाजपा को समर्थन देने का खुलेआम ऐलान कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि कॉन्ग्रेस खुद समर्थन के लिए गोपाल कांडा के पास पहुँची थी और कांडा के भाजपा को समर्थन देने के ऐलान पर तंज कसती रही। उन्होंने भाजपा पर बलात्कारियों को शामिल करने का आरोप लगाया।
कांडा प्रकरण पर कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने तो अपनी पार्टी को पाक-साफ बता दिया था। ट्वीट भी कर दिया था। देश की सारी महिलाओं को भाजपा से दूर रहने की सलाह भी दे डाली। वो भी क्यों? सिर्फ इसलिए क्योंकि कांडा ने भाजपा को समर्थन देने की बात की, न की भाजपा ने माँगी थी। लेकिन अब जमीन घोटाले में आरोपित पति रॉबर्ट वाड्रा का पत्नी प्रियंका कौन सा ट्वीट करेंगी, जब हरियाणा में उनके खुद के सबसे बड़े नेता यह मान रहे हैं कि उन्होंने सरकार बनाने के लालच में कांडा से समर्थन माँगा था।
First Kuldip Sengar, then Chinmayanand, now Gopal Kanda….every self respecting Indian woman should boycott the BJP and its leaders if they EVER dare to speak of respecting women again.#SayNoToKanda
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 25, 2019
दिलचस्प यह भी है कि कांडा के नाम पर चल रहे राजनीतिक बवाल के बावजूद एक भी ऐसा समय नहीं आया, जब किसी भाजपा नेता ने उससे समर्थन लेने की बात कही हो। बीजेपी ने कभी नहीं यह कहा कि वो कांडा के समर्थन को स्वीकार करेंगे। भाजपा नेता उमा भारती ने भी इस मसले पर पहले ही पार्टी के गोपाल कांडा से दूर होने के संकेत दिए थे।
जब भाजपा का जेजेपी के साथ गठबंधन नहीं हुआ था, तो कई निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने की बात कही। मगर गोपाल कांडा के नाम पर काफी हंंगामा हुआ। फिलहाल बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला कर लिया। बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा कि हरियाणा के लोगों के बहुमत को मानते हुए बीजेपी और जेजेपी ने तय किया है कि दोनों पार्टियाँ मिलकर राज्य में सरकार बनाएँगी। बताया जा रहा है कि राज्य में बीजेपी का मुख्यमंत्री होगा जबकि डिप्टी सीएम जेजेपी का होगा।
उल्लेखनीय है कि विजय गोयल समेत कई नेताओं के बयानों में इस बात का दावा है कि बीजेपी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि गोपाल कांडा से उनकी पार्टी किसी भी तरह का कोई समर्थन नहीं लेगी। गोयल ने यह भी कहा कि न हमने उन्हें टिकट दिया था और न ही समर्थन की बात कही।
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी की पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। लेकिन 40 सीटें जीतकर बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी। अब जब 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा के चुनाव में भाजपा को 40 सीटें मिली हैं। और समर्थन में बहुमत के लिए ज़रूरी 6 की जगह 9 विधायक तैयार हैं तो अगर इसमें से गोपाल कांडा को हटा भी दें तो भी भाजपा आसानी से बहुमत का आँकड़ा पार कर लेगी। ऐसा करना स्वच्छ राजनीति और बीजेपी दोनों के लिए अच्छा है।