कॉन्ग्रेस सांसद ने शो के दौरान यह दावा करके दर्शकों को गुमराह करने का काम भी किया कि मोदी सरकार द्वारा इन तीन कृषि बिलों के पारित होने के साथ किसानों की जमीनें छीन ली जा रही हैं।
पद्म श्री और अर्जुन अवार्डी पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवार्डी बास्केटबॉल खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा और अर्जुन अवार्डी हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर उन लोगों में से हैं जो अपने पुरस्कार वापस करना चाहते हैं।
जब उनसे पूछा गया कि इस 'किसान आंदोलन' में इंदिरा गाँधी की हत्या को याद कराते हुए पीएम मोदी को भी धमकी दी गई है, तो उन्होंने कहा कि जिसने जो बोया है, वो वही काटेगा।
बातचीत में शामिल प्रतिनिधिमंडल में स्वराज पार्टी (Swaraj Party) के नेता योगेन्द्र यादव (Yogendra yadav) का भी नाम था। मगर बाद में केंद्र सरकार के ऐतराज के बाद उनका नाम हटा दिया गया।
हैरान होने वाली बात तो है कि आखिर एक साल में बीकेयू इतना बड़ा यूटर्न कैसे ले सकती है। वह लगातार कृषि क्षेत्र में किसानों के हित के लिए बिचौलियों को हटाना चाहते थे।
फिलहाल जो नयापन है, उसमें 4-5 कैरेक्टर की एंट्री है। जिसमें से एक भीम आर्मी का चंद्रशेखर ‘रावण’ है, दूसरी बिलकिस बानो है, जो तथाकथित शाहीन बाग की ‘दादी’ के रूप में चर्चा में आई थी।
महाराष्ट्र में किसान उत्पादक कंपनियों (FPCs) की अम्ब्रेला संस्था MahaFPC के अनुसार, चार जिलों में FPCs ने तीन महीने पहले पारित हुए कानूनों के बाद मंडियों के बाहर व्यापार से लगभग 10 करोड़ रुपए कमाए हैं।