कितने प्यारे दिन थे जब हर दस-पंद्रह दिन में एक बार शर्मिंदा हो लेते थे। जब मन कहता नारे लगा लेते। धमकी दे लेते थे कि टुकड़े होकर रहेंगे, इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह।
मीडिया को हिन्दू प्रतीक चिह्नों से इतनी नफरत है कि 'जय श्री राम' जैसे पवित्र शब्द को बदनाम करने के लिए कई सालों से कोशिश की जा रही है, खासकर भाजपा के सत्ता में आने के बाद से।