बीते दिनों शारदा चिट-फंड घोटाले की जाँच के लिए सीबीआई की टीम पश्चिम बंगाल के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने गई थी, लेकिन तब ममता बनर्जी कमिश्नर की सुरक्षा के लिए धरने पर बैठ गई थीं।
सीबीआई के अनुसार एसआईटी की जाँच में गैप है, क्योंकि जाँच से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्तियों को एसआईटी द्वारा कभी बुलाया ही नहीं गया। एजेंसी यह भी पता लगाना चाहती है कि कहीं राजीव कुमार किसी के निर्देशों के तहत तो ऐसा नही कर रहे थे?
पूरे मामले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि विधायक पर हमला, टीएमसी के भीतरी कलेश को दर्शाता है। इससे स्पष्ट होता है कि किस तरह आपसी गुटों में झगड़ा चल रहा है।
स्टिंग ऑपरेशन में यह खु़लासा हुआ है कि ज़मीनी स्तर पर कोई खास इंटेलीजेंस इनपुट नहीं था, जिसके आधार पर रथ यात्रा पर रोक लगाने की बात को वाजिब ठहराया जा सके।
नागेश्वर राव ने इसे पूरे छापे को एक प्रोपेगेंडा करार दिया। इससे पहले 30 अक्टूबर 2018 को उन्होंने एक बयान जारी कर एंजेला मर्केंटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड से कोई भी संबंध होने से इंकार किया था।
बंगाल सरकार देशभर से आए ऐसे लोगों का स्वागत करती है जिनपर गंभीर आरोप हैं। घुसपैठियों का भी स्वागत करती है लेकिन दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल, भाजपा के नेताओं को रोका जाता है।
योगी ने कहा, “मोदी सरकार द्वारा दिया गया ग़रीबों के मकान का पैसा टीएमसी की सरकार और टीएमसी के गुंडे खा जाते हैं। यहाँ की सरकार भ्रष्ट है। आपने देखा होगा कि कैसे बंगाल के अंदर यहाँ की मुख्यमंत्री शारदा चिटफंड घोटाले के एक भ्रष्ट अधिकारी को बचाने का काम कर रही हैं।"