इमरान के खुद के देश में बालाकोट के बाद जो उसकी छवि बनी है, उससे यह कयास जरूर लगाया जा सकता है कि यह साबुन अब शायद ही कोई नहाने के लिए इस्तेमाल करता होगा। हाँ, संडास से आने के बाद हाथ धोने के लिए शायद!
वीडियो में आप देख सकते हैं कि बाढ़ के पानी से घिरे एक पुल से गुजरने का रास्ता एम्बुलेंस को नहीं मिलता तो वेंकटेश गहरे पानी में उतर जाता है। जान की परवाह किए वेंकटेश पानी में कूद जाता है और आगे-आगे चलकर एम्बुलेंस को रास्ता दिखाता है।
गाने के बोल हैं- ‘जो ना बोले जय श्री राम, भेज दो उसको कब्रिस्तान।’ इस गाने को लेकर सोशल मीडिया में काफी चर्चा हो रही है। इसे लेकर लोग सोशल मीडया पर अपनी-अपनी अलग प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। कुछ लोग इसे आपत्तिजनक बता रहे हैं, तो कुछ लोगों को इस गाने में कुछ भी गलत नहीं लग रहा है।
वीडियो वायरल होने पर रेल मंत्रालय को ट्वीट करना पड़ा। मुगलसराय के डीआरएम ने मंत्रालय को ट्वीट कर जवाब दिया कि टीटीई का कहना है कि वो टिकट बनाने के लिए पैसे ले रहा था, टिकट बनाया भी। फिर भी टीटीई को विस्तृत जाँच तक निलंबित कर दिया गया है।
महिला को उसकी हरकत के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन पादरी ने उस पर किसी तरह के आरोप नहीं लगाए। जिसके कारण उसे बाद में रिहा कर दिया गया। महिला की दोस्तों का कहना है कि वो मानसिक परेशानी से जूझ रही है।
वीडियो के विवादों में आने के बाद तेलंगाना के गृह मंत्री ने कहा, "मेरा पोता सिर्फ वाहन के ऊपर बैठा था और किसी स्थानीय व्यक्ति ने यह वीडियो बनाया। हम इसकी जाँच करेंगे। मेरे पोते का इससे कोई लेना-देना नहीं है।"
आधार भारत सरकार की योजना थी। इससे जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे ग़रीबों तक पहुँचा। लेकिन, FaceApp रूस की कम्पनी है। अमेरिकी चुनाव में रूस का साइबर हस्तक्षेप का मामला याद ही होगा? आप ऐप बेशक यूज करें लेकिन इससे पहले कुछ बातें जान लें।
नदी के तट पर नगीना कपड़े धो रही थी कि अचानक उसका पाँव फ़िसल गया और वो नदी की तेज़ धाराओं के साथ बहने लगी। तभी वहाँ ड्यूटी पर तैनात CRPF के जवानों ने उसकी आवाज़ सुनी। उन्होंने बिना देरी किए नगीना को बचाने के लिए नदी में छलाँग लगा दी।