Sunday, June 16, 2024
Homeविचारराजनैतिक मुद्देचुनाव देख 'इच्छाधारी आंदोलनजीवी' ने बदला चोला, 'राजनीतिक विश्लेषक' बन BJP को बताया बहुमत...

चुनाव देख ‘इच्छाधारी आंदोलनजीवी’ ने बदला चोला, ‘राजनीतिक विश्लेषक’ बन BJP को बताया बहुमत से दूर: 2019 में योगेंद्र यादव का सारा गुणा-भाग रहा था फेल

2024 भाजपा के लिए सीटों के नुकसान की बात यादव 2019 लोकसभा चुनावों में भी कर चुके हैं। तब यादव ने विशेष प्रकार की गणित बैठा कर बताया था कि भाजपा 100 सीट हारने वाली है। उनका दावा था कि पीएम मोदी की लोकप्रियता घट रही है। हालाँकि, 2019 में भाजपा को 303 सीट मिली थी।

देश में लोकसभा चुनावों का माहौल है। हर चुनाव की तरह खुद को राजनीतिक पंडित और चुनावी विशेषज्ञ बताने वाले पेशेवर प्रदर्शनकारी योगेन्द्र यादव अपने अनुमानों के साथ वापस आ गए हैं। जिस तरह कोई भी उनके रवैये से इस बात का अंदाजा लगा सकता है, उन्होंने इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले NDA के बहुमत ना पाने की एक भविष्यवाणी कर दी है।

योगेन्द्र यादव ने इसके लिए अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो डाला है। योगेन्द्र यादव का दावा है कि मीडिया वर्तमान में फैक्ट दबा रही है। उनका कहना है कि भाजपा को 2024 लोकसभा चुनावों में बहुमत नहीं मिलेगा। योगेन्द्र यादव ने कह़ा, “35 साल से चुनाव देखने के अपने अनुभव के आधार पर बता रहा हूँ कि भाजपा बहुमत नहीं ला रही। भाजपा 272 से बहुत नीचे है। भाजपा सहयोगियों के साथ NDA भी बहुमत के आँकड़े से नीचे हो सकता है।”

इसके बाद योगेन्द्र यादव ने अपने हिसाब एक गणित बताना चालू किया। योगेन्द्र यादव ने बताया कि कर्नाटक में भाजपा को इस बार कम से कम 10 सीटों का नुकसान होगा। महाराष्ट्र में भी 20 सीट के नुकसान का आकलन योगेन्द्र यादव ने भाजपा के लिए बताया। इसके बाद उन्होंने गुजरात और राजस्थान में भी 10 सीट भाजपा के लिए बताया। हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश तथा दिल्ली में भाजपा को 10 सीट का नुकसान होगा।”

योगेन्द्र यादव ने इसके बाद और भी कई राज्यों की गणित समझाई। योगेन्द्र यादव ने दावा किया कि मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ और झारखंड में भी भाजपा को 10 सीटों का नुकसान होगा। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी भाजपा को 15 सीटों का नुकसान होने का दावा किया। इसके बाद उन्होंने कई राज्यों का ब्यौरा दिया। आखिर में गुणा भाग करके योगेन्द्र यादव ने समझाया कि भाजपा इस बार कम से कम 75 सीट हारेगी और NDA 100 सीट हारेगा।

इसी हवा हवाई गणित के आधार पर योगेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा को 233 जबकि उनके सहयोगियों को 35 सीट मिलेगी। ऐसे में अंत में उन्होंने अपनी बात सिद्ध की कि भाजपा और NDA 272 के आँकड़े से नीचे रह जाएँगे।

योगेन्द्र यादव ने यह पूरी गणित समझा दी लेकिन इसका स्रोत क्या है यह नहीं बताया। उनका कहना था कि मैं कहता हूँ तो मान ही लो। क्या पता सच ही हो जाए। साल के चार महीने प्रदर्शनों के लिए देने वाले योगेन्द्र यादव की इस गणित में ना किसी सर्वे का हवाला था और ना ही और कोई विश्वसनीय स्रोत। हालाँकि, यह कोई नई बात नहीं है कि योगेन्द्र यादव ऐसे बेसिरपैर के सर्वे देते हों, इसे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वह मुँह की खा चुके हैं।

2019 में भी फेल हो चुके योगेन्द्र यादव

भाजपा के लिए सीटों के नुकसान की बात यादव 2019 लोकसभा चुनावों में भी कर चुके हैं। तब यादव ने विशेष प्रकार की गणित बैठा कर बताया था कि भाजपा 100 सीट हारने वाली है। उनका दावा था कि पीएम मोदी की लोकप्रियता घट रही है। उन्होंने यह भी बताया था कि यह एकदम स्पष्ट बात है। उन्होंने दावा किया था कि 2004 के चुनाव की तरह ही भाजपा 2019 में हार जाएगी। इसके लिए उन्होंने बताया था कि 2004 में भी भाजपा सत्ता में अच्छी लहर के बावजूद नहीं लौट सकी थी, और यह फिर होगा।

योगेन्द्र यादव ने तब एक लेख में बताया था कि भले ही पीएम मोदी की रेटिंग ज्यादा हो लेकिन वह हार सकते हैं। इसके बाद 303 सीट जब भाजपा ने 2019 में जीत ली तो योगेन्द्र यादव खीज गए। उन्होंने एक बातचीत में वोटरों का गला पकड़ कर उन्हें मूर्ख कहने की बात कही थी।

एक बातचीत में योगेन्द्र यादव ने कहा था, ” अपने निर्वाचन क्षेत्र गुरुग्राम में मैंने लोगों से यह सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अपील की थी कि भाजपा को किसी भी कीमत पर हराया जाए। मैंने कहा था कि यह प्रधानमंत्री हमारे देश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा झूठाप्रधान मंत्री है। मतदाताओं ने मेरी एक भी बात नहीं सुनी। मैं दुखी हूँ, मैं गुस्सा हूँ और मैं निराश हूँ। मैं उनका कॉलर पकड़कर कहना चाहता हूँ, बेवकूफों।”

गुजरात चुनाव में भी गलत हुआ अनुमान

2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भी योगेन्द्र यादव ने ऐसा ही अनुमान लगाया था। भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले गुजरात को लेकर यादव का अनुमान था कि यहाँ भाजपा हार जाएगी। योगेन्द्र यादव ने दावा किया था कि चुनावी विशेषज्ञ असल सच्चाई जनता को नहीं बता रहे। उनका दावा था कि 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस को 113 सीट मिलेगी और वह सरकार बनाएगी। हालाँकि, नतीजों में भाजपा को 99 और कॉन्ग्रेस को 77 सीट मिली।

इसके बाद योगेन्द्र यादव ने माफ़ी माँग ली। योगेन्द्र यादव ने अपनी माफ़ी में लिखा था, “मैं माफ़ी माँगता हूँ, मेरा चुनाव अनुमान गलत था, पहले अनुमान से 3% वोट खिसक गया। मैंने कोई मन की बात नहीं कही थी ना कोई प्रचार किया था। मैंने डेटा, जमीनी रिपोर्ट और जनमत सर्वेक्षणों पर भरोसा किया था। फिर भी मैं गलत था। EVM को दोष देना मूर्खता होगी। गलती स्वीकार करने और सीखने की जरूरत है।”

योगेन्द्र यादव को भी भाजपा और पीएम मोदी करके मजा आता है। लेकिन सबसे अधिक हास्यास्पद बात यह है कि भाजपा जैसी जिताऊ चुनावी मशीन पर प्रश्न खड़े करने वाले योगेन्द्र यादव 2014 में गुरुग्राम से AAP से चुनाव लड़े थे। इसमें उनकी जमानत तक जब्त हो गई थी। इसके एक वर्ष बाद उन्हें पार्टी से भी निकाल फेंका गया था। इसके बाद वह फिर से फर्जी अनुमान लगाने के धंधे में उतर गए।

चाहे वह CAA प्रदर्शन हो, किसानों का विरोध प्रदर्शन हो या कॉन्ग्रेस नेता राहुल गांधी की विवादास्पद भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होना हो, योगेन्द्र यादव हर उस काम में शामिल हैं, जो पीएम मोदी को सत्ता से हटाने के लिए हो रहा है। हालाँकि, उनके अब तक के प्रयासों से हार के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिला है यही आगे होने की संभावना है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

भाजपा विधायक T राजा सिंह हैदराबाद में गिरफ्तार: हमले के शिकार गोरक्षकों से जा रहे थे मिलने, आरोप- मूकदर्शक बनी रही थी तेलंगाना पुलिस

तेलंगाना के मेडक में गौ रक्षा कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले में 2 लोग घायल। मिलने जा रहे भाजपा विधायक टी राजा सिंह गिरफ्तार।

बाबरी अब मस्जिद नहीं ‘ढाँचा’, राम मंदिर ‘राष्ट्रीय गर्व’, अयोध्या ‘पवित्र स्थल’: NCERT ने 12वीं की किताब में किया बदलाव, सुप्रीम कोर्ट के फैसले...

अयोध्या को भारत के सबसे पवित्र स्थलों में से एक बताया गया है। राम जन्मभूमि को 'राष्ट्रीय गर्व' लिखा गया है। सन् 1528 में इसे तोड़ कर यहाँ ढाँचा बना।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -