Saturday, November 30, 2024
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मोदी सरकार ने दिए ₹1800 करोड़, फिर भी कॉन्ग्रेस के CM कह रहे – कर्नाटक के लोग प्यासे: सिद्धारमैया के ‘झूठ’ का केंद्रीय मंत्री ने कर दिया पोस्टमॉर्टम

"आप मेकेदातु परियोजना की स्थिति से भलीभाँति परिचित हैं, अगर नहीं तो मैं आपको पूरी बात समझाता हूँ, शायद आपकी ब्रीफिंग टीम घटिया तरीके से काम कर रही है।"

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच केंद्र सरकार की कथित उपेक्षा को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है। सिद्दारमैया ने केंद्र सरकार पर विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए धन नहीं जारी करके कर्नाटक के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। शेखावत ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने वित्त का गलत प्रबंधन कर रही है और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में देरी के लिए जिम्मेदार है।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कावेरी नदी पर मेकेदातु जलाशय सहित विभिन्न जल परियोजनाओं के संबंध में झूठ और गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। शेखावत ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक बयान में कहा, “हम जानते हैं कि झूठी अफवाह और गलत सूचना फैलाना कॉन्ग्रेस की परंपरा है। लेकिन ऐसा करके लोगों के जीवन में कहर बरपाना एक मुख्यमंत्री के लिए उपयुक्त नहीं है।” मेकेदातु परियोजना के संबंध में, मंत्री ने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) पर चर्चा कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण की विभिन्न बैठकों के दौरान एक एजेंडा आइटम के रूप में शामिल की गई थी।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने लिखा, “प्रिय सिद्धारमैया, हम जानते हैं कि झूठी अफवाह और गलत सूचना फैलाना कॉन्ग्रेस की परंपरा है। लेकिन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री के के तौर पर जनता में भ्रम फैलाना गलत बात है, जो बतौर मुख्यमंत्री गलत है। आप मेकेदातु परियोजना की स्थिति से भलीभाँति परिचित हैं, अगर नहीं तो मैं आपको पूरी बात समझाता हूँ, शायद आपकी ब्रीफिंग टीम घटिया तरीके से काम कर रही है।”

इस प्रोजेक्ट की मौजूदा स्थिति ये है: –

1: मेकेदातु परियोजना की डीपीआर पर चर्चा CWMA की विभिन्न बैठकों के दौरान मुख्य एजेंडा में शामिल थी। हालाँकि, इस एजेंडा आइटम पर पार्टी राज्यों के बीच सहमति की कमी के कारण इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी।

2: कलसा और भंडुरा योजना नाला की DPR को कुछ शर्तों के साथ केंद्रीय जल आयोग (CWC) द्वारा पहले ही मंजूरी दे दी गई है और इसकी सूचना कर्नाटक सरकार को दे दी गई है।

3: 2017 के दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत प्राथमिकता वाली कर्नाटक की 5 परियोजनाओं में से तीन पूरी हो चुकी हैं। दो पर काम जारी है और अब तक 1238.30 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता में से 1190.05 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं।

4: अटल भूजल योजना के तहत कर्नाटक को पहले ही रुपए दिए जा चुके हैं। केंद्र सरकार ने अब तक 629.54 करोड़ रुपए कर्नाटक सरकार को दिए, लेकिन कर्नाटक सरकार ने 28 अक्टूबर, 2023 तक सिर्फ 274.05 करोड़ रुपए ही खर्च किए हैं।

इससे क्या समझ में आता है?”

बता दें कि सिद्दारमैया ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। सिद्दारमैया ने लिखा था, “नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने बारिश की कमी के बावजूद कर्नाटक के पानी के मुद्दों का समाधान नहीं किया है। कर्नाटक के किसी भाजपाई सांसद ने भी राज्य के जल हितों पर समर्थन नहीं किया। मेकेदातु और महादायी नदी जैसी परियोजनाएँ केंद्र की मंजूरी के लिए लंबित हैं। राज्य सरकार के उत्तरी कर्नाटक की सिंचाई के लिए तैयार ऊपरी कृष्णा परियोजना अब भी केंद्र से राजपत्र अधिसूचना और राष्ट्रीय दर्जा पाने की प्रतीक्षा कर रही है। प्रिय प्रधानमंत्री, क्या आप कन्नडिगाओं को और अधिक प्यासा रखना चाहते हैं?”

उन्होंने हैशटैग ‘कर्नाटक के लिए प्रेम क्यों नहीं’ और हैशटैग ‘मोदी जवाब दो’ का भी इस्तेमाल किया।

बता दें कि सिद्दारमैया और शेखावत के बीच की जुबानी जंग कर्नाटक में कॉन्ग्रेस और भाजपा के बीच चल रही बड़ी राजनीतिक लड़ाई का भी एक हिस्सा है। अगले साल के लोकसभा चुनाव में इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच कर्नाटक में मुख्य लड़ाई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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