Saturday, May 11, 2024
Homeविविध विषयअन्यराज ठाकरे का दीपोत्सव, जावेद अख्तर भी बोले- जय सियाराम: कहा- मैं नास्तिक, पर...

राज ठाकरे का दीपोत्सव, जावेद अख्तर भी बोले- जय सियाराम: कहा- मैं नास्तिक, पर राम-सीता में है आस्था…

बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर दीवाली से पहले भगवान राम और माता सीता पर टिप्पणी करके चर्चा में आए हैं। इस बार उन्होंने भगवान राम और माता सीता को सांस्कृतिक विरासत बताया है। साथ ही जनता से जय सियाराम के नारे भी लगवाए।

बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर दीवाली से पहले भगवान राम और माता सीता पर टिप्पणी करके चर्चा में आए हैं। इस बार उन्होंने भगवान राम और माता सीता को सांस्कृतिक विरासत बताया है।

गीतकार जावेद ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि उन्हें राम और सीता की भूमि पर पैदा होने पर गर्व है। कार्यक्रम में वह बोले-

“राम और सीता केवल हिंदू देवी-देवता नहीं हैं। यह भारत की सांस्कृतिक विरासत है। हालाँकि मैं नास्तिक हूँ फिर भी मैं राम और सीता को इस देश की संपत्ति मानता हूँ इसलिए मैं यहाँ आया हूँ। रामायण हमारी सांस्कृतिक विरासत है। यह आपकी रुचि का विषय है। मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं राम और सीता की भूमि पर पैदा हुआ हूँ, जब हम मर्यादा पुरुषोत्तम की बात करते हैं तो राम और सीता ही याद आते हैं। तो, आज से जय सियाराम।”

इसके बाद जावेद ने वहाँ मौजूद लोगों से 3 बार जय सियाराम के नारे लगवाए। उन्होंने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि वो लखनऊ से हैं, जहाँ बचपन में बातें किया करते थे कि ये गुडमॉर्निंग वगैरह बड़े लोगों की बात है। वहाँ तो सब लोग आते-जाते अभिवादन में जय सिया राम ही कहते थे। इसलिए सीता राम को अलग-अलग सोचना पाप है। ये शब्द प्रेम, एकता और गृहस्थ जीवन का प्रतीक है। इन्हें तो एक ने ही अलग किया उसका नाम रावण था। आज जो ऐसा करेगा वह रावण ही होगा।

आगे उन्होंने जनता से कहा- “आप मेरे साथ तीन बार जय सियाराम का नारा लगाए… जय सियाराम…जय सियाराम…जय सियाराम।”

हिंदू संस्कृति को बताया सहिष्णु

दीवाली पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ये भी कहा कि भारत में यदि लोकतंत्र कायम है तो इसकी वजह हिंदू संस्कृति है। उन्होंने कहा कि असहिष्णुता बढ़ रही है। पहले भी कुछ लोग थे जो असहिष्णु थे पर हिंदू वैसे नहीं थे। इनकी सबसे बड़ी खासियत यही थी कि इनकी सोच विशाल थी। अगर इनकी यह खासियत खत्म हो गई तो वे भी दूसरे लोगों जैसे हो जाएँगे। ऐसा नहीं होना चाहिए। हमने तो आपसे ही जीना सीखा है…।

बता दें कि मनसे द्वारा आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में जावेद अख्तर के साथ सलीम खान और एक्टर रितेश देशमुख भी नजर आए। कार्यक्रम की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर आई हैं लेकिन जो जावेद अख्तर द्वारा जय श्रीराम के नारे लगवाने की वीडियो हर जगह वायरल है। कुछ लोग इसे देख खुश हैं तो कुछ कह रहे हैं कि अच्छा है जावेद अख्तर की अक्ल ठिकाने आ गई।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

चीनी कहने पर क्यों भड़क जा रहे सिंगापुर के लोग? जिस देश की 74% जनसंख्या चायनीज, वहाँ भी चीन को लेकर नाराज़गी: TikTok वीडियो...

कुछ लोगों ने ये भी ध्यान दिलाया कि सिंगापुर में जो चीनी मूल के लोग हैं वो चीन मेनलैंड से ताल्लुक नहीं रखते। सिंगापुर में चीनी बहुसंख्यक हैं।

LinkedIn ‘पश्चिमी बीमारी’ को भारत पर क्यों थोप रहा, Ola के CEO ने किया विरोध तो डिलीट कर दिया पोस्ट: समझिए विदेशी कंपनियों का...

भविष अग्रवाल को खुद उनके लिए LinkedIn AI द्वारा 'They/Their' शब्द का इस्तेमाल किया जाना पसंद नहीं आया और उन्होंने इसे प्रोनाउन की पश्चिमी बीमारी करार दिया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -