Thursday, May 9, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाAMU में काम करती है ISIS के 'अमीर' की सास: CAA विरोधी प्रदर्शनों में...

AMU में काम करती है ISIS के ‘अमीर’ की सास: CAA विरोधी प्रदर्शनों में शामिल था Ph.D कर चुका वजीउद्दीन, M.Tech कर छात्रों को पढ़ाता था राकिब

अलीगढ़ ISIS मॉड्यूल से जुड़े 7 आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ है कि ये सारे सोशल मीडिया के अच्छे जानकार थे और इनमें से कुछ ने नामी संस्थानों से अच्छी खासी पढ़ाई कर रही थी और दिखाने के लिए कारोबारों में भी जुटे थे।

उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) 11 नवंबर 2023 (शनिवार) को अलीगढ़ ISIS मॉड्यूल से जुड़े 4 आतंकियों को पकड़ा है। महज नवंबर माह में ही अब तक इस मॉड्यूल के 7 लोग पकड़े जा चुके हैं। इनके नाम अब्दुल्ला अर्शलान, माज़ बिन तारिक, वाजीहुद्दीन, राकिब इमाम अंसारी, नावेद सिद्दीकी, मोहम्मद नोमान और मोहम्मद नाज़िम हैं। ये आतंकी सोशल मीडिया के अच्छे जानकार थे। कुछ अभी AMU से पढ़ाई कर रहे थे तो कुछ पढ़ कर नौकरी और धंधों में लग गए थे। इनमें से एक की सास अलिगढ़ मेडिकल कॉलेज में नर्स भी है।

AMU में स्टाफ नर्स है वज़ीउद्दीन की सास

अब तक पकड़े गए सभी आतंकियों में सबसे बड़ा नाम वजीहुद्दीन है। वजीहुद्दीन को अलीगढ़ ISIS मॉड्यूल में ‘अमीर’ का पद मिला हुआ था। वह मूलतः छत्तीसगढ़ के दुर्ग का रहने वाला है। लगभग 10 साल पहले वजीहुद्दीन दुर्ग से अलीगढ़ आया था। वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में सामाजिक विज्ञान विषय से शोध (PHD) का छात्र था। ऑपइंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक थोड़े समय के बाद वजीहुद्दीन AMU के कट्टरपंथी तत्वों के सम्पर्क में आ गया। वह SAMU नाम के संगठन से जुड़ गया।

ऑपइंडिया को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वो समय साल 2010 का हुआ करता था। तब हारिश फारुखी नाम का एक कट्टरपंथी अलीगढ़ में आतंकी नेटवर्क खड़ा करने के प्रयास में था। हारिश फारुखी को तब उसके गुट में ‘अमीर’ की पदवी मिला करती थी। वजीहुद्दीन एक अच्छा उपदेशक था जिसने काफी कम समय में SAMU में अपना ऊँचा मुकाम बना डाला। धीरे-धीरे वजीहुद्दीन न सिर्फ देश बल्कि अन्य मजहब विरोधी बयानबाजी करने लगा। बाद में वजीहुद्दीन CAA-NRC के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों में शामिल हुआ।

वजीहुद्दीन ने अलीगढ़ में ही निकाह कर लिया। उसकी सास अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में तैनात एक नर्स है। बताया जाता है कि वो वजीहुद्दीन के मज़हबी विचारों से काफी प्रभावित थी। वजीहुद्दीन के 2 साले हैं जिसमें एक अभी कक्षा 12 में पढ़ने वाला नाबालिग है जबकि दूसरा अक्सर बीमार रहता है। गिरफ्तारी से लगभग 3 माह पहले तक वजीहुद्दीन अपनी ही सास के घर रहा था। ATS ने वजीहुद्दीन की सास की घर की भी तलाशी ली है। गिरफ्तारी के समय वजीहुद्दीन की बीवी दुर्ग जिले में थी।

वजीहुद्दीन और अब्दुल्ला अर्शलान मिल कर SAMU का यूट्यूब चैनल चलाते थे। इस चैनल पर खुद वजीहुद्दीन ने अपनी तमाम तकरीरें डाल रखीं हैं। बताया जा रहा है कि अपने साथियों की गिरफ्तारी की सूचना पर वजीहुद्दीन ने भागने का अलग तरीका खोजा था। वह सीधे अलीगढ़ से ट्रेन न पकड़ कर पहले मथुरा गया। वहाँ से उसने दुर्ग की ट्रेन पकड़ी थी। हालाँकि आखिरकार उसे ATS ने दुर्ग से दबोच ही लिया।

M.Tech करने के बाद भी राकिब बना आतंकी

वहीं एक आतंकी राकिब ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से M.Tech किया है। यह कोर्स साल 2020 में पूरा हुआ था। इसके बाद राकिब छात्रों को पढ़ाने लगा। बताया गया है कि राकिब उस इस्लामिक मिशन स्कूल अलीगढ़ में टीचर के तौर पर पढ़ाया भी है। यह वही स्कूल है जहाँ कभी एक अभिभावक ने राष्ट्रगान न होने और हिंदी बोलने पर बच्ची को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। राकिब ने अपनी लिंक्डइन प्रोफ़ाइल में खुद को अवन्ति लर्निंग सेंटर में JEE/NEET का फैकेल्टी बताया है।

राकिब मूलतः उत्तर प्रदेश के भदोही जिले का रहने वाला है। ऑपइंडिया ने स्कूल के बोर्ड पर लिखे गए नंबरों पर कई कॉल की। हालाँकि फोन किसी के द्वारा नहीं उठाया गया। स्कूल का पक्ष आने पर उसे खबर में अपडेट किया जाएगा।

मछली कारोबारी नोमान

11 नवंबर को राकिब के साथ गिरफ्तार हुआ नोमान सिद्दीकी मूलतः सम्भल जिले का रहने वाला है। उसका उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में मछली पालन का पुश्तैनी कारोबार है।

होती थीं हिन्दू विरोधी तकरीरें

ऑपइंडिया को मिले एक वीडियो में SAMU से जुड़े अबू बक्र फाज़िली को किसी इंसान के नहीं बल्कि खुदा के ही शासन को स्वीकार करने का ऐलान करते हुए सुना जा सकता है। साल 2015 में यह तकरीर AMU के कैनेडी ऑडिटोरियम में दी गई थी। इस तकरीर में इस्लामी हुकूमत की राह आने वालों को कुचल देने का ऐलान किया गया था। इसके अलावा कई अन्य वीडियो में हिन्दू धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ की गई हैं। इन वीडियो में वजीउद्दीन को भी मंचों पर देखा जा सकता है।

कई आतंकी अभी फरार

अलीगढ़ ISIS मॉड्यूल के कई आतंकी अभी भी फरार हैं जिनकी तलाश में ATS लगी हुई है। इन हारिश फारुखी, रिज़वान, अब्दुल समद मलिक और फैज़ान बख्तियार आदि प्रमुख हैं। हारिश फारुखी का परिवार उत्तराखंड के देहरादून में रहता है। अब्दुल समद मलिक मूलतः संभल और फैज़ान बख्तियार प्रयागराज जिले का रहने वाला है। पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ के आधार पर ATS फरार संदिग्धों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मेवाड़ का मैराथन: स्पार्टा के योद्धाओं वाली वीरता, महाराणा का शौर्य और युद्ध कुशलता… 36000 मुगल सैनिकों का आत्मसमर्पण, वो इतिहास जो छिपा लिया...

'बैटल ऑफ दिवेर' मुगल बादशाह के लिए करारी हार सिद्ध हुआ। कर्नल टॉड ने भी अपनी किताब में हल्दीघाटी को 'थर्मोपल्ली ऑफ मेवाड़' की संज्ञा दी।

चुनाव प्रचार के लिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत बन जाएगी मिसाल: सुप्रीम कोर्ट में ED ने किया विरोध, कहा- इलेक्शन कैंपेन मौलिक अधिकार नहीं

लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का केंद्रीय एजेंसी ED ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -