Friday, May 10, 2024
Homeविविध विषयविज्ञान और प्रौद्योगिकीगाय के गोबर से चला रॉकेट इंजन: आग की लपटें 30 से 50 फीट...

गाय के गोबर से चला रॉकेट इंजन: आग की लपटें 30 से 50 फीट तक, जापान की कंपनी अन्तरिक्ष कार्यक्रम की दिशा बदलने की तैयारी में

जापान की एक कम्पनी ने गाय के गोबर से बने ईंधन से रॉकेट इंजन को चलाने में सफलता पाई है। गाय के गोबर से बने ईंधन से चलाया जा रहा रॉकेट जमीन के समानांतर लगभग 10-15 मीटर (30 से 50 फीट) की दूरी तक आग की लपटें भी फेंकी।

जापान की एक कम्पनी ने गाय के गोबर से बने ईंधन से रॉकेट इंजन को चलाने में सफलता पाई है। गोबर से बने ईंधन से चलाया जा रहा रॉकेट टेस्टिंग के दौरान ना केवल चालू हुआ बल्कि इसने जमीन के समानांतर लगभग 15 मीटर की दूरी तक आग की लपटें भी फेंकी। अब इसे विकसित करने वाली कम्पनी और भी बड़ा रॉकेट बनाने जा रही है।

एक वेबसाईट बैरन के अनुसार, जापान के एक अन्तरिक्ष स्टार्टअप इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीस (Interstellar Technologies) कम्पनी ने यह रॉकेट बनाया है। इसकी प्रायोगिक टेस्टिंग जापान के ताईकी शहर में की गई। इस दौरान रॉकेट के इंजन से तेज नीली-ऑरेंज आग निकली। आग की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जमीन के समानांतर लगभग 10-15 मीटर (30 से 50 फीट) की दूरी तक इसकी लपटें निकलीं।

रॉकेट की प्रायोगिक टेस्टिंग में जो ईंधन इसमें डाला गया था, वह बायोमीथेन था। इसे पूरी तरह से गाय के गोबर से बनाया गया था। इस गोबर को स्थानीय गायपालकों के पास से खरीदा गया था और फिर उस से गैस बनाई गई, जिससे यह ईंधन विकसित किया गया।

इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीस के सीईओ ताकाहिरो इनागावा ने इस मामले पर कहा, “हम यह मात्र इसलिए नहीं कर रहे क्योंकि यह पर्यावरण को फायदा पहुँचाता है बल्कि इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि यह स्थानीय स्तर पर बनाया जा सकता है और सस्ता है तथा शुद्ध और साफ़ है। हम यह तो नहीं कह सकते कि यह विधि पूरी दुनिया में बड़े स्तर पर अपनाई जाएगी लेकिन हम पहली ऐसी निजी कम्पनी हैं, जो इस ईंधन का उपयोग कर रहे हैं।”

इंटरस्टेलर ने एक अन्य कम्पनी एयरवाटर के साथ एक समझौता किया है। एयरवाटर कम्पनी उन किसानों से बायोगैस एकत्रित करती है, जिनके पास डेयरी फ़ार्म हैं और वह इनमें पली हुई गायों के गोबर से बायोगैस बनाती है।

इस प्रयोग से जुड़े एक इंजिनियर तोमोहीरो निशिकावा ने कहा, “संसाधन के मामले में कमजोर जापान को पानी ऊर्जा जरूरतों के लिए स्थानीय स्तर पर उत्पादित कार्बन न्यूट्रल ईंधन अपनाने होंगे। इस क्षेत्र की गायों में काफी पोटेंशियल है। जापान के पास एक ईंधन स्रोत ऐसा होना चाहिए, जिसके लिए वह बाहर के देशों पर निर्भर ना हो।”

रॉकेट तकनीक में गोबर का उपयोग होने से वह किसान भी प्रसन्न हैं, जिनके पशुफ़ार्म से यह गोबरगैस ली गई थी। उनका कहना है कि उनसे ली गई गोबर गैस से रॉकेट को उड़ता देखना सुखद होगा। उन्होंने जापान सरकार से इस विषय में कदम उठाने की अपील की है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘चुनाव कर्मचारियों और मतदाताओं को हतोत्साहित करने वाला बयान’: वोटर टर्नआउट पर ECI ने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लताड़ा, कहा – ये गैर-जिम्मेदाराना

चुनाव आयोग ने बताया है कि 1961 के नियमों के अनुसार, हर एक पोलिंग एजेंट को प्रत्येक EVM के मतदान के आँकड़े साझा किए जाते हैं, कॉन्ग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के पास भी ये आँकड़े मौजूद हैं।

मी लॉर्ड! ये ‘दरियादिली’ कहीं गले की हड्डी न बन जाए, अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत ने बताया न्यायिक सुधार अविलंब क्यों जरूरी

अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद जेल में बंद अन्य आरोपित भी अपने लिए इसी आधार पर जमानत की माँग कर सकते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -