Sunday, September 8, 2024
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झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को ED ने किया गिरफ्तार, PA के नौकर जहाँगीर के घर से मिले थे ₹35 करोड़: पूछताछ के बाद एजेंसी ने की कार्रवाई

झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में घूसखोरी और वसूली के इस खेल का लिंक जुड़ा है। 13 नवंबर 2019 की एक गिरफ्तारी से, जब एंटी करप्शन ब्यूरो ने ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के अंदर काम करने वाले जेई सुरेश प्रसाद वर्मी को 10 हजार की रिश्वत लेते दबोचा था। सुरेश वर्मा वीरेंद्र राम के ही मकान में जमशेदपुर में रहता था।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार (15 मई 2024) को झारखंड सरकार में मंत्री एवं कॉन्ग्रेस नेता आलमगीर आलम को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि कुछ दिन पहले आलमगीर के सचिव के नौकर के घर से 37 करोड़ रुपए से अधिक नकदी बरामद हुई थी। इसी मामले में ED ने पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया था।

बता दें कि आलमगीर आलम से ED ने मंगलवार (14 मई 2024) को भी लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की थी। आलमगीर आलम से सुबह 11 बजे से पूछताछ की जा रही थी। ED ने 12 मई को आलमगीर को तलब किया था। उन्हें 14 मई (मंगलवार) को राँची स्थित जोनल कार्यालय में एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।

आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और संजीव लाल के नौकर जहाँगीर आलम की गिरफ्तारी हो चुकी है। जहाँगीर आलम के कब्जे वाले फ्लैट से 32.5 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी मिली थी। ये फ्लैट राँची में हरमू रोड के सर सैय्यद अपार्टमेंट में स्थित है। इसके अलावा बहुत सारा पैसा संजीव लाल के करीबी ठेकेदारों के ठिकानों से बरामद हुए, पूरी राशि करीब 38 करोड़ रुपए है।

झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में घूसखोरी और वसूली के इस खेल का लिंक जुड़ा है। 13 नवंबर 2019 की एक गिरफ्तारी से, जब एंटी करप्शन ब्यूरो ने ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के अंदर काम करने वाले जेई सुरेश प्रसाद वर्मी को 10 हजार की रिश्वत लेते दबोचा था। सुरेश वर्मा वीरेंद्र राम के ही मकान में जमशेदपुर में रहता था।

उसके घर पर 2.44 करोड़ कैश मिला था, जिसके बारे में सुरेश ने ही बताया था कि ये पैसे वीरेंद्र राम के हैं, जो उसके रिश्तेदार आलोक रंजन ने रखे थे। इसके बाद इस मामले की जाँच ईडी ने संभाल ली।ईडी की जाँच में पता चला कि ग्रामीण विकास विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग में तगड़ा खेल चल रहा है। हर ठेके पर 3.2 प्रतिशत का कमीशन सेट है।

इसमें चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के पास 0.3 प्रतिशत पैसा ही आता था, बाकी पैसा नेताओं, अधिकारियों और इंजीनियरों के गैंग में बँट जाता था। यहीं से आमलगीर आलम, संजीव लाल समेत अन्य की भूमिका की जाँच शुरू हो गई। आलमगीर आलम के खिलाफ ईडी अप्रैल 2022 से एक अन्य मामले में जाँच कर रही है, वो अवैध खनन से जुड़ा मामला था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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