Sunday, November 17, 2024
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दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह राजनीतिक एजेंडे की चल रही लड़ाई

पिछले कुछ महीने में दिल्ली सरकार के 2 मंत्रियों और 2 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है। इससे पहले स्वाति मालीवाल ने भी बागी रुख अपना लिया है। माना जा रहा है कि दिल्ली के नजफगढ़ से भाजपा उम्मीदवार को हराकर विधायक बने कैलाश गहलोत जल्दी ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव फरवरी 2025 में प्रस्तावित है।

दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले अरविंद केजरीवाल वाली आम आदमी पार्टी (AAP) को गहरा झटका लगा है। दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने पार्टी से त्याग-पत्र दे दिया है। कैलाश गहलोत के पास दिल्ली सरकार में गृह, प्रशासनिक सुधार, महिला एवं बाल विकास, परिवहन, सूचना एवं प्रौद्योगिकी की बड़ी जिम्मेदारी रही है। कैलाश ने अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी X पर भी शेयर की है।

इस चिट्ठी में कैलाश में आरोप लगाया है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने जनता को किए गए अपने वादे को पूरा नहीं किया। उन्होंने यमुना की सफाई में नाकामी, अरविंद केजरीवाल के बंगले का निर्माण सहित कई मुद्दों को उठाया है और कहा कि इन सब अजीबो-गरीब मुद्दों के कारण AAP की जनता में छवि खराब हुई है और पार्टी बड़ी चुनौतियों से गुजर रही है।

अपने पत्र में गहलोत ने लिखा है, “पार्टी आज गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। मूल्यों की भी चुनौतियाँ हैं, जो हम साथ लेकर चले थे। राजनीतिक महत्वाकांक्षी ने लोगों के प्रति प्रतिबद्धता को पीछे छोड़ दिया है और कई वादे अधूरे रह गए हैं। इसमें यमुना का उदाहरण है, जिसे हमने स्वच्छ नदी बनाने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं कर पाए। यमुना अब पहले से भी अधिक प्रदूषित हो गई है।”

अरविंद केजरीवाल के ‘शीशमहल’ पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, इन सबके अलावा शीशमहल जैसे अजीबो-गरीब और शर्मिंदा करने वाले विवाद सामने आए। इसके कारण अब हर कोई इस बात पर आशंका करने लगा है कि क्या हम आज भी ‘आम आदमी’ में विश्वास रखते हैं। अब लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम लोग अपने राजनीतिक एजेंडा के लिए लड़ रहे हैं।”

दिल्ली के लोगों को किए गए वादों को पूरा करने में नाकामी के साथ केंद्र से लड़ाई को लेकर गहलोत ने कहा, “इन सब कारणों ने दिल्ली के लोगों के लोगों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने की हमारी क्षमता को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। अब यह निश्चित है कि दिल्ली का वास्तविक विकास तब तक नहीं हो सकता, जब तक वह अपना अधिकांश समय केंद्र के साथ लड़ाई में व्यतीत करती है।”

अपने राजनीतिक जीवन और अंत में इस्तीफे को लेकर लेकर जाट परिवार में जन्मे कैलाश गहलोत ने आगे लिखा, “मैंने अपना राजनीतिक जीवन दिल्ली के लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए शुरू किया था। मेरे पास आम आदमी पार्टी से अलग होने के अलावा अब कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है और इसलिए मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ।”

बता दें कि पिछले कुछ महीने में दिल्ली सरकार के 2 मंत्रियों और 2 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है। इससे पहले स्वाति मालीवाल ने भी बागी रुख अपना लिया है। माना जा रहा है कि दिल्ली के नजफगढ़ से भाजपा उम्मीदवार को हराकर विधायक बने कैलाश गहलोत जल्दी ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव फरवरी 2025 में प्रस्तावित है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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