संभल में विवादित जामा मस्जिद के सर्वे के पहले ही दिन मुस्लिमों ने बवाल काटा था। मुस्लिम भीड़ जबरदस्ती मस्जिद के परिसर के भीतर घुस गई थी। उसने कोर्ट के आदेश का पालन कर रही टीम को सर्वे नहीं करने दिया था। दूसरी बार जब सर्वे हुआ तो सीधा मुस्लिम दंगाई सड़कों पर उतर गए और पत्थरबाजी कर दी। इसके लिए फोन करके भीड़ इकट्ठा की गई। इसकी कॉल रिकॉर्डिंग भी सामने आई हैं। संभल पुलिस ने दंगाइयों पर कार्रवाई के सिलसिले में 250 से अधिक का पोस्टर जारी किया है।
19 नवंबर को ही काट दिया था बवाल
संभल मस्जिद में हिन्दू पक्ष के हरिहर मंदिर होने के दावे के आधार पर कोर्ट कमिश्नर के सर्वे का आदेश जिला अदालत ने 19 नवम्बर को ही दिया था। इसी दिन रात में 10 बजे के आसपास सर्वे चालू हुआ था। सर्वे से पहले मस्जिद कमिटी के सदर जफर खां और मस्जिद कमिटी के बाकी सदस्यों से सहमति ले ली गई थी।
इसके बाद ही कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव अपनी टीम के साथ मस्जिद के भीतर दाखिल हुए थे। उनके साथ जिले डीएम-एसपी और मस्जिद कमिटी के कुछ लोग थे। बाकी किसी को भी अंदर आने की इजाजत नहीं दी गई थी। यहन तक कि डीएम और एसपी ने अपने सुरक्षाकर्मी भी बाहर छोड़ दिए थे।
टीम ने अपना सर्वे कुछ ही देर किया होगा कि 150-200 लोग मस्जिद के बाहर आकर हंगामा करने लगे। उन्होंने बाहर तैनात पुलिस से धक्कामुक्की की और मस्जिद के बंद गेट को खुलवा कर घुस गए। उन्होंने सर्वे के काम कमे खलल डालना चालू कर दिया और आपत्ति जताने लगे।
मस्जिद के अंदर आई भीड़ कुछ राजनीतिक लोगों द्वारा लाई गई थी, ऐसा मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है। इस भीड़ के चक्कर में सर्वे पूरा नहीं हो सकता। इसके बाद इसे स्थगित अर्ना पड़ा और आगे किसी दिन करने की योजना बनाई गई। हालाँकि, उसी सप्ताह यूपी उपचुनाव परिणाम और जुमे की नमाज के चलते 24 तारीख चुनी गई। इस दिन दंगा ही हो गया।
दंगे में फोन कर बुलाए लोग
संभल दंगे में हो रही जाँच में और भी खुलासे हो रहे हैं। अब सामने आया है कि दंगाइयों ने मस्जिद के पास के इलाके में और लोगों को फोन करके इकट्ठा किया था और इसने ‘सामान’ लाने को कहा था। ‘सामान’ इस क्षेत्र में तमंचे या हथियार को कहा जाता है।
ऐसी ही एक कॉल रिकॉर्डिंग में एक युवक बोलता है, “सामान लेकर आ मस्जिद के पास, मेरे भाई का घर है।” इस कॉल रिकॉर्डिंग के सामने आने के बाद पुलिस ने तीन और युवकों को पकड़ा है। कॉल से पहचाने जाने वालों के नाम आमिर पठान, मोहम्मद अली और फैजान अब्बासी के तौर पर हुई है।
पुलिस अब इनसे पूछताछ कर यह जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है कि आखिर कहाँ-कहाँ से दंगाई आए और अब वह कहाँ हैं। पुलिस को इन दंगाइयों ने 49 और दंगाइयों के नाम बताए हैं। इनको पकड़ने का पुलिस प्रयास कर रही है। दंगाइयों के पास से मिले सबूतों की अभी पुलिस जाँच कर रही है।
पोस्टर भी जारी, 250 की तलाश
संभल में हुई हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए थे। एक पुलिस अफसर के गोली लगी थी। कई पुलिसवालों के हथियार भी मुस्लिम दंगाई भीड़ ने छीन लिए थे। अब इस मामले में यूपी पुलिस कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने 7 FIR दर्ज की हैं। कुल 27 लोग भी गिरफ्तार किए गए हैं।
गिरफ्तार किए जाने वालों में 2 महिलाएँ भी हैं। बाकी दंगाइयों और उन्हें भड़काने वालों की गिरफ्तारी के लिए पोस्टर भी निकलवाए हैं। यूपी पुलिस ने 250 दंगाइयों के पोस्टर संभल छपवाए हैं। इन्हें संभल के प्रमुख स्थानों समेत सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जाएगा। पुलिस ने इनमें दंगाइयों की तस्वीरें CCTV के मदद से निकाली हैं। उनके नाम की भी डिटेल लिखी गई हैं।
गौरतलब है कि 24 नवम्बर, 2024 को शाही मस्जिद में वकील विष्णु शंकर जैन समेत बाकी टीम सर्वे के लिए पहुँची थी। इसी दौरान बड़ी भीड़ मस्जिद के पास इकट्ठा हो गई और उन्होंने पत्थर बरसाए। इस दंगे में 5 लोगों की मौत हो गई थी। वर्तमान में संभल में शांति है लेकिन भारी पुलिस बल तैनात है।