उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के बाद 29 नवंबर को पहला जुमा है। ऐसे में पूरे इलाके में पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है। हालातों को देखते हुए जुमे की नमाज न करवाए जाने का फैसला लिया गया था। हालाँकि बाद में कहा गया कि लोग अपने घर के पास ही नमाज को पढ़ सकते हैं। फिलहाल, जामा मस्जिद में भी बिन कड़ी सुरक्षा चेकिंग के किसी को भी भीतर नहीं जाने दिया जा रहा। लगातार मौलानाओं से कहकर शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील हो रही है। चप्पे-चप्पे पर हर स्थिति को संभालने के लिए पुलिस बल तैनात है और ड्रोन से निगरानी भी की जा रही है।
#WATCH | Drone visuals from the area in #Sambhal, where #ShahiJamaMasjid is located.
— Hindustan Times (@htTweets) November 29, 2024
Police are deployed in the area following the stone pelting incident on November 24.
(📹: ANI) pic.twitter.com/ETSJCx9mon
सामने आई जानकारी के मुताबिक, संभल में सुरक्षा लिहाज से इलाके में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। पुलिस प्रशासन ने 15 कंपनियाँ पीएसी (पुलिस अर्धसैनिक बल) और 2 कंपनियाँ आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) की तैनाती की है। इसके अलावा, पूरे शहर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 जिलों की पुलिस भी सक्रिय रूप से काम कर रही है। संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहाँ दंगा निरोधी दस्ते और महिला पुलिस बल भी तैनात हैं।
प्रशासन इस बात पर भी ध्यान दे रहा है कि कहीं कोई भड़काऊ भाषण या पोस्ट डालकर माहौल न बिगाड़ा जाए। इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट ने पहले ही जनपद में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 की निषेधाज्ञा को लागू किया है। जुमे की नामज को लेकर जिला मजिस्ट्रेट ने तकरीबन 70 मजिस्ट्रेट की तैनाती की है ताकि हालातों पर कड़ी नजर बनी रहें।
मामले में मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार ने बताया कि जामा मस्जिद और उसके आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई गई है। इसके अलावा, अन्य संवेदनशील स्थानों पर भी पुलिस की तैनाती की गई है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटा जा सके। अभी तक संभल में स्थानीयों ने प्रशासन को भरोसा दिया है कि वे शांति बनाए रखने में मदद करेंगे।
मस्जिद प्रबंधन समिति ने यह सुनिश्चित किया है कि नमाज के दौरान कोई भी अव्यवस्था न हो। सुरक्षा लिहाज से, जामा मस्जिद क्षेत्र में 20 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही, ड्रोन कैमरों का उपयोग करके पूरे इलाके की निगरानी की जाएगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अप्रिय घटना न हो, पुलिसकर्मी छतों पर भी तैनात रहेंगे।
गौरतलब है कि संभल में 24 नवंबर हिंसा हुई थी, उस समय मुस्लिम भीड़ ने मस्जिद के पास इकट्ठा होकर सर्वे करने गई टीम पर हमला किया था जिसके बाद पुलिस को आँसू गैस छोड़ने पड़े थे और गोली चलानी पड़ी थी। झड़प में पाँच लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल भी हुए थे। पुलिस ने बताया कि इस दौरान पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएँ भी हुईं, जिसमें 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए।