Sunday, December 22, 2024
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अंबेडकर पर कॉन्ग्रेसी ‘राजनीति’ की PM मोदी ने निकाली हवा, गिनाए पापः कहा- पंडित नेहरू ने दो-दो बार बाबा साहेब को चुनाव में हरवाया, विरासत मिटाने को चली गंदी चाल

अमित शाह ने अपने भाषण में कहा था, “अभी यह फैशन चल गया है अंबेडकर अंबेडकर अंबेडकर……. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों का स्वर्ग मिल जाता। हमें आनंद है कि ये अंबेडकर का नाम लेते हैं, लेकिन अंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है ये मैं बताता हूँ। अंबेडकर जी ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया?”

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित ने कॉन्ग्रेस को ऐसा आईना दिखाया कि कॉन्ग्रेसी उनके भाषण का एक छोटा सा क्लिप काटकर सरकार और भाजपा को बदनाम करने लगे। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर कॉन्ग्रेस सोचती है कि झूठ बोलकर उसके कुकर्मों, खासतौर से डॉक्टर आंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छुपाया जा सकता है, तो वे गलत सोच रही है।

पीएम मोदी ने X के अपने सोशल मीडिया पोस्ट में गाँधी परिवार और पंडित नेहरू पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हरसंभव गंदी चाल चली है। उन्होंने कहा कि उनके पास कॉन्ग्रेस के पापों की सूची है।

उस सूची को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “डॉक्टर अंबेडकर के प्रति कॉन्ग्रेस के पापों की सूची में ये शामिल हैं: उन्हें (अंबेडकर को) एक बार नहीं बल्कि दो बार चुनाव में हराना। पंडित नेहरू द्वारा उनके खिलाफ प्रचार करना और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाना। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार करना। संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को सम्मान का स्थान नहीं देना।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कॉन्ग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, लेकिन वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासन में ही हुए हैं। कॉन्ग्रेस सालों तक सत्ता में रही, लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया।

पीएम मोदी ने कहा, “संसद में गृह मंत्री अमित शाह जी ने डॉक्टर अंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कॉन्ग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। उनके द्वारा प्रस्तुत तथ्यों से वे स्पष्ट रूप से स्तब्ध और स्तब्ध हैं। यही कारण है कि वे अब नाटकबाजी में लिप्त हैं! दुख की बात है कि उनके लिए, लोग सच्चाई जानते हैं!”

पीएम मोदी ने कहा, हम जो कुछ भी हैं, “हम जो कुछ भी हैं, वह डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की वजह से ही है! हमारी सरकार ने पिछले एक दशक में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के सपने को पूरा करने के लिए अथक प्रयास किया है। किसी भी क्षेत्र को लें – चाहे वह 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकालना हो, एससी/एसटी एक्ट को मजबूत करना हो, हमारी सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जैसे स्वच्छ भारत, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, उज्ज्वला योजना और बहुत कुछ, इनमें से प्रत्येक ने गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के जीवन को छुआ है।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “हमारी सरकार ने डॉ. अंबेडकर से जुड़े पाँच प्रतिष्ठित स्थानों- पंचतीर्थ को विकसित करने के लिए काम किया है। कई दशकों से चैत्य भूमि के लिए भूमि का मुद्दा लंबित था। हमारी सरकार ने न केवल इस मुद्दे को सुलझाया, बल्कि मैं वहाँ प्रार्थना करने भी गया हूँ।हमने दिल्ली में 26, अलीपुर रोड को भी विकसित किया है, जहाँ डॉक्टर अंबेडकर ने अपने अंतिम वर्ष बिताए थे। लंदन में जिस घर में वे रहते थे, उसे भी सरकार ने अधिग्रहित कर लिया है। जब डॉ. अंबेडकर की बात आती है तो हमारा सम्मान और श्रद्धा सर्वोच्च है।”

बता दें कि देश की संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भाषण के क्लिप के एक हिस्से को काटकर कॉन्ग्रेसी और विरोधी दल सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है कि कॉन्ग्रेस ऐसा कर रही है। अपनी चिढ़ ने कॉन्ग्रेस और उसके नेताओं द्वारा दरबारी पत्रकारों ने अमित शाह के भाषण के हिस्से को शेयर करके सरकार को बदनाम करना शुरू कर दिया।

कॉन्ग्रेस ने X अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “‘अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’ अमित शाह ने बेहद घृणित बात की है। इस बात से जाहिर होता है कि BJP और RSS के नेताओं के मन में बाबा साहेब अंबेडकर जी को लेकर बहुत नफरत है। नफरत ऐसी कि उनके नाम तक से इनको चिढ़ है।”

कॉन्ग्रेस ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, “ये वही लोग हैं जिनके पूर्वज बाबा साहेब के पुतले फूँकते थे, जो ख़ुद बाबा साहेब के दिए संविधान को बदलने की बात करते थे। जब जनता ने इन्हें सबक सिखाया तो अब इन्हें बाबा साहेब का नाम लेने वालों से चिढ़ हो गई है। शर्मनाक! अमित शाह को इसके लिए देश से माफी माँगनी चाहिए।”

अमित शाह के भाषण के जिस हिस्से को विरोधियों द्वारा साझा किया जा रहा है, वह सही, लेकिन उसका संदर्भ क्या है उसे विरोधी छिपा गए। इससे अमित शाह का बयान एकतरफा दिखने लगा, जबकि हकीकत इसके विपरीत है। अमित शाह ने अंबेडकर के साथ कॉन्ग्रेस के नेताओं के दुर्व्यवहार को उन्होंने उजागर किया था।

अमित शाह ने अपने भाषण में कहा था, “अभी यह फैशन चल गया है अंबेडकर अंबेडकर अंबेडकर……. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों का स्वर्ग मिल जाता। हमें आनंद है कि ये अंबेडकर का नाम लेते हैं, लेकिन अंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है ये मैं बताता हूँ।” इसके बाद अमित शाह कॉन्ग्रेस और पंडित नेहरू की पोल खोलकर रख देते हैं।

अमित शाह ने आगे कहा था, “अंबेडकर जी ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया? अंबेडकर जी ने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के साथ हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूँ। सरकार की विदेश नीति से मैं असहमत हूँ और आर्टिकल 370 से मैं असहमत हूँ। इसलिए वे छोड़ना चाहते थे। उन्हें आश्वासन दिया गया, लेकिन वो पूरा नहीं हुआ और नजरअंदाज किए जाने के कारण इस्तीफा दे दिया।”

केंद्रीय गृहमंत्री ने आगे कहा था, “श्री बीसी रॉय ने पत्र लिखा कि अंबेडकर और राजा जी जैसे लोग मंत्रिमंडल छोड़ेंगे तो क्या होगा। तो उनको नेहरू जी ने जवाब में लिखा- राजाजी के जाने से थोड़ा-बहुत नुकसान तो होगा, लेकिन अंबेडकर के जाने से मंत्रिमंडल कमजोर नहीं होगा।” अमित शाह ने आगे कहा कि कॉन्ग्रेस जिसका विरोध करती रही है, उसका वोट के लिए नाम लेना कितना उचित है। अंबेडकर जी मानने वाले पर्याप्त संख्या में आ गए हैं, इसलिए आप अंबेडकर अंबेडकर कर रहे हो।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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