प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई जनसभा में पुलिस के योगदान की सराहना की और आरोप लगाया कि कुछ लोग परदे के पीछे से पुलिसकर्मियों पर हो रहे हमलों की साज़िश रच रहे हैं। पीएम मोदी ने वहाँ उपस्थित लोगों से पूछा कि क्या पुलिस का आदर नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी ने “शहीदों, अमर रहो” का नारा लगवाया। उन्होंने लोगों से निवेदन किया कि वो पुलिस का सम्मान करें, शहीदों का सम्मान करें और पुलिस से भाईचारा बढ़ाएँ। पीएम मोदी ने कहा कि हिंसा फैलाने वाले दो तरह के लोग हैं:
- एक वो जिनकी राजनीति दशकों तक झूठ फैलाने पर ही टिकी हुई है।
- दूसरे वो लोग जो समझते थे कि वो ही सरकार हैं और वो जो इतिहास बताएँगे, वही सच माना जाएगा। ख़ुद को भारत भाग्य विधाता मानने वालों ने अब बाँटो और राज़ करो वाली नीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
सीएए के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये क़ानून भारत के किसी नागरिक के लिए है ही नहीं, चाहे वो हिन्दू-मुस्लिम हो या सिख-ईसाई। उन्होंने कहा कि देश के 130 करोड़ लोगों से इसका कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि एनआरसी कॉन्ग्रेस ने बनाया था। उन्होंने कहा कि उस एनआरसी को लेकर हौवा खड़ा किया जा रहा है, जो न कैबिनेट में आया है और न ही उसके नियम-कायदे तय हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि जिस सरकार ने लोगों को घर दिया है, वो कैसे किसी को निकाल सकती है?
पीएम मोदी ने कहा कि कॉन्ग्रेस ने लोगों को चीख-चीख कर बताया है कि कौवा कान लेकर उड़ गया और कुछ लोग कौवे के पीछे भाग निकले। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे लोगों को कौवे के पीछे भागने से पहले अपना कान तो चेक कर लेना चाहिए। पीएम मोदी ने लोगों को समझाया कि एनआरसी पूरे देश में आया ही नहीं है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केवल असम में आया है। पीएम ने कहा कि कुछ पढ़े-लिखे नक्सली, अर्बन नक्सल अफवाह फैला रहे हैं कि सारे कथित अल्पसंख्यकों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अफवाह के बाद पढ़े-लिखे लोग भी पूछ रहे हैं ये डिटेंशन सेंटर क्या होता है?
पीएम मोदी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वो सीएए क्या है, एक बार पढ़ लें। पीएम मोदी ने कहा कि जो देश की मिट्टी के मुस्लिम हैं, उन्हें कहीं नहीं भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अर्बन नक्सल्स के अफवाहों के उलट देश में कोई डिटेंशन सेंटर है ही नहीं। उन्होंने कहा कि झूठ फैलाया जा रहा है कि जो लोग बाहर से आएँगे, वो देश के लोगों का हक़ छीन लेंगे। पीएम ने समझाया कि ये एक्ट उन लोगों के लिए है, जो वर्षों से भारत में रह रहे हैं। किसी नए शरणार्थी को इस क़ानून का फ़ायदा नहीं मिलेगा।
ये इसलिए किया जाता है कि उनकी आस्था, पूजा पद्धति अलग है। ऐसे शोषण के कारण ही वो भारत आए और देश के अलग अलग कौनो में रह रहे हैं: पीएम मोदी #DilliChaleModiKeSaath
— BJP (@BJP4India) December 22, 2019
पीएम ने कहा कि पाकिस्तान से भारत आए अधिकतर शरणार्थी दलित हैं, जिन्हें अधिकार मिला है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि कुछ दलित नेता भी सीएए का विरोध कर रहे हैं। पीएम ने बताया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के बहू-बेटियों को बेचा जाता है, उनसे जबरन शादियाँ की जाती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ही प्रताड़ित लोग भाग कर भारत आए और वो पहले से ही भारत में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस समय ये साबित करना चाहिए था कि पाकिस्तान कैसे मानवाधिकार हनन करता है और वहाँ अल्पसंख्यकों की क्या परिस्थिति है, लेकिन देश के बदले दल देखने वाले लोगों ने ये मौक़ा गँवा दिया।
पीएम ने जिक्र किया कि कुछ दिनों पहले दिल्ली के ही एक शरणार्थी कैम्प में जन्म हुआ, जिसका नाम नागरिकता गया। पीएम मोदी ने हुड़दंग मचाने वालों से पूछा कि उत्पीड़ित दलितों को नागरिकता मिल रही है तो इससे हुड़दंगियों को क्या दुश्मनी है? पीएम ने इस दौरान अवैध घुसपैठियों की भी बात की। उन्होंने लोगों को पीड़ित शरणार्थी और घुसपैठियों के बीच अंतर समझने की अपील की।
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