Sunday, December 22, 2024
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निर्दोष अफजल गुरु को फाँसी किसने दी? राम मंदिर कौन बनवा रहा? – SC के खिलाफ JNU महिला नेता ने उगला जहर

"अफजल गुरु का संसद हमलों में कोई हाथ नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने फिर भी उस निर्दोष को फाँसी की सजा सुनाई। मुझे ना ही सरकार और ना ही सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास रहा। कभी यह कहती है कि बाबरी मस्जिद के नीचे राम मंदिर का कोई सबूत नहीं है लेकिन बाद में..."

एक ओर जहाँ वामपंथी गुंडे CAA विरोध की आड़ में शाहीन बाग़ में इस्लामिक नारे लगा रहे हैं, वहीं JNU में सत्ता और संस्थाओं के खिलाफ दुष्प्रचार का एजेंडा निरंतर प्रगति पर है। सोशल मीडिया पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की ही एक छात्र नेता आफरीन फातिमा का ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें वो सरकार और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ जहर उगलती हुई देखी जा रही है।

इस वीडियो में आफरीन फातिमा देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था सुप्रीम कोर्ट और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए देखी जा रही है। वीडियो में आफरीन फातिमा सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर और अफजल गुरु की फाँसी के फैसलों पर संदेह जताते हुए देखी जा सकती है।

45 सेकंड के इस वीडियो में आफरीन फातिमा कह रही है कि CAA विरोध के दौरान उसने यह देख लिया है कि वो ना ही सरकार और ना ही सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास कर सकती है। संसद भवन पर हमले के आरोपित आतंकवादी अफजल गुरु की फाँसी दिए जाने के फैसले पर आफरीन फातिमा कह रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्दोष अफजल गुरु को फाँसी की सजा सुनाई थी। वीडियो में वो यह भी कहते सुनी जा सकती है कि अफजल गुरु का संसद हमलों में कोई हाथ नहीं था।

आफरीन फातिमा इतने में ही नहीं रुकी। उसने अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के दिए हुए निर्णय को भी गलत बता दिया। उसने कहा कि यह वही सुप्रीम कोर्ट है, जिसने एक समय इस बात से मना किया था कि बाबरी मस्जिद के नीचे राम मंदिर का कोई सबूत है और बाद में राम मंदिर निर्माण की इजाजत दे दी।

दिलचस्प बात यह है कि यह वही आफरीन फातिमा है, जिसने कुछ समय पहले ही मुस्लिमों से कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर पर इसलिए हमला करने की सिफ़ारिश की थी क्योंकि उन्होंने CAA विरोध प्रदर्शन को सांप्रदायिक बनाने की बात कही थी। ट्विटर पर 12 जनवरी को फातिमा ने शाशि थरूर को ‘ला इलाह इलल्लाह’ के नारों के साथ ‘इस्लामॉफ़ोबिक’ बताते हुए मुस्लिमों से थरूर पर हमला करने को कहा था।

आफ़रीन फातिमा के ‘ला इलाह इलल्लाह’ के नारों से शशि थरूर को घेरने की घोषणा के बाद जब शशि थरूर CAA विरोध के समर्थन में खड़े होने जामिया मिलिया इस्लामिया गए थे, तब मुस्लिम भीड़ द्वारा उनको घेरकर इस्लामिक नारे ‘ला इलाहा इलल्लाह’ (अल्लाह को छोड़कर पूजा के योग्य कुछ भी नहीं है) लगाए गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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