Saturday, November 16, 2024
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‘कॉन्ग्रेसी’ एक्टिविस्ट ने फर्जी तस्वीरें शेयर कर सेना को किया बदनाम: थाई सैनिक को बताया लद्दाख में घायल भारतीय जवान

यह तस्वीर 2016 के एक ब्लॉग में देखी गई थी। जिसमें थाई सैनिकों के प्रशिक्षण के बारे में बात की गई थी। जहाँ एक प्रशिक्षण के दौरान थाई सैनिकों को लगी चोट की फोटो को उसमें दिखाया गया था। वहीं इस तस्वीर की एक रिवर्स खोज के दौरान यह पता चला कि ई-कॉमर्स वेबसाइट पर एक ऑनलाइन शॉपर ने भी........

लद्दाख के गलवान घाटी में चीन और भारत के बीच हुए खूनी हिंसक झड़प हुए झड़प पर एक्टिविस्ट डॉक्टर आनंद राय ने शनिवार (20 जून, 2020) को एक घायल सैनिक की फ़ोटो को पोस्ट करते हुए दावा किया कि यह फ़ोटो एक घायल भारतीय सैनिक की थी जो की लद्दाख में चीनी सैनिकों की क्रूरता से बच गए थे।

ऊपर दिए गए इस ट्वीट में आप देख सकते हैं, कि डॉ राय ने दावा किया कि यह तस्वीर उन सैनिकों में से एक की है जिन पर चीनी सैनिकों द्वारा गलवान घाटी में हमला किया गया था। उन्होंने दावा किया कि उनके पूरे शरीर पर कीलों (Nail) से की गई चोटें हैं। वहीं प्रधानमंत्री से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को हथियार उठाने से क्यों रोका गया?

हालाँकि, डॉ राय के द्वारा दावा की गई तस्वीर थाई सैनिकों की है, जो 2016 की है। यानी 4 साल पुरानी।

यह तस्वीर 2016 के एक ब्लॉग में देखी गई थी। जिसमें थाई सैनिकों के प्रशिक्षण के बारे में बात की गई थी। जहाँ एक प्रशिक्षण के दौरान थाई सैनिकों को लगी चोट की फोटो को उसमें दिखाया गया था। वहीं इस तस्वीर की एक रिवर्स खोज के दौरान यह पता चला कि ई-कॉमर्स वेबसाइट पर एक ऑनलाइन शॉपर ने भी इस तस्वीर को अपनी प्रोफाइल पिक्चर के रूप में इस्तेमाल किया गया है।

जैसा कि देखा जा सकता है, एक मलेशियाई शॉपिंग वेबसाइट गूगल सर्च में लगातार इस तस्वीर को दिखाती है। वहीं इस साइट पर एक उपयोगकर्ता ने एक साल पहले 25 जून, 2019 को एक रिव्यु लिखा था।

डॉ. आनंद राय ने इससे पहले भी किए कई फर्जी ट्वीट्स

डॉ.राय ने अगस्त 2019 में बाबा रामदेव के सहयोगी को कांफीडेंशियल मेडिकल रिपोर्ट प्रकाशित कर गलत तरीके से फँसाने की थी। उन्होंने रामदेव के सहयोगी आचार्य बालगोविंद की झूठी रिपोर्ट को प्रकाशित किया था। जिसमें यह दावा था कि बाबा रामदेव के एसोसिएट और पतंजलि आयुर्वेद के चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण मारिजुआना धूम्रपान करते हैं। डॉक्टर ने जानबूझकर एक अलग व्यक्ति की मेडिकल रिपोर्ट का इस्तेमाल कर उसमें नाम बदल कर आचार्य बालकृष्ण को बदनाम करने की कोशिश की थी।

इससे पहले, उन्होंने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बारे में एक अश्लील झूठ फैलाया था। जहाँ उन्होंने आरोप लगाया था कि वह किसी वीरेंद्र देव दीक्षित नाम के एक बाबा के आश्रम से ‘प्रसाद’ लेने गई थी। अपने इस झूठ को साबित करने के लिए उन्होंने स्मृति ईरानी के साथ उस बाबा की फ़ोटो भी फोटोशॉप करके लगा दिया था।

आपको बता दें उस बाबा को हाल ही में यूपी और दिल्ली पुलिस द्वारा 47 महिलाओं और छह नाबालिग लड़कियों को बचाने के लिए उनके द्वारा चलाए गए तीन केंद्रों पर छापा मारा था। उन पर इन लड़कियों को अमानवीय रूप से सीमित रखने का आरोप लगाया गया है, जो रिपोर्ट के अनुसार, यौन उत्पीड़न के भी थे।

गौरतलब है कि डॉ. आनंद राय कॉन्ग्रेस के टिकट पर 2018 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया था। हालाँकि, टिकट नहीं मिलने के बाद भी वे वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेताओं के साथ एक करीबी रिश्ता बनाए रखते हैं, और उनका फेसबुक पेज इस तथ्य का प्रमाण है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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