कुख्तात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और पुलवामा हमले के गुनहगार मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की राह में चीन ने एक बार फिर से अड़ंगा लगा दिया। मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर चीन द्वारा वीटो लगाने से भारत में आक्रोश का माहौल है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की संस्था स्वदेशी जागरण मंच ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि भारत द्वारा चीन को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लेना चाहिए। इसके साथ ही चीन से आयात होने वाले रक्षा और टेलीकॉम सामान पर भी प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है।
मंच के अखिल भारतीय सह संयोजक डॉक्टर अश्विनी महाजन ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी है। उन्होंने पाकिस्तान की ही तरह चीन को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस लेने की माँग की है।
अश्विनी महाजन ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर चीन के वीटो से पूरे देश में गुस्सा है। चीन का यह कदम बेहद निंदनीय और आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के विरुद्ध है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी चीन के इस कदम की आलोचना कर रहा है। ऐसे में अब वक्त आ गया है कि चीन को दिए गए MFN का दर्जा वापस ले लिया जाए। पाकिस्तान के मामले में आपकी (पीएम मोदी) सरकार पहले ही ऐसा कर चुकी है। इसके अलावा चीन की वस्तुओं को प्रतिबंधित भी किया जाए।”
स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि भारत पड़ोसी देश चीन से 76 अरब डॉलर (5.27 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का आयात करता है। इस वजह से व्यापार घाटा भी बहुत ज्यादा है। इस पत्र में अश्विनी महाजन ने मंच की ओर से कराए गए सर्वेक्षण का भी हवाला दिया है।
उन्होंने लिखा, “स्वदेशी जागरण मंच द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में चीनी वस्तुओं पर मौजूदा टैरिफ बेहद कम होने की बात सामने आई है। चीन से किए जाने वाले आयात को कम करने के लिए भारत सरकार को टैरिफ रेट बढ़ाने की जरूरत है।”
इसके साथ ही आरएसएस ने कहा, “जवाहर लाल नेहरू ने हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा दिया था, मगर अब वही चीन धोखा दे रहा है और यह नेहरू जी की ही देन है कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य है और भारत उन पाँच स्थायी सदस्यों की लिस्ट से बाहर है। आज हर भारतीय को चीनी सामानों का बहिष्कार करना चाहिए।” बता दें कि यह चौथी बार है जब चीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अड़ंगा डाला है।