अन्वय नाइक सुसाइड केस में मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। ऐसा तब किया गया है जब सुप्रीम कोर्ट कह चुकी है कि प्रथम दृष्टया इस केस में अर्णब के खिलाफ मामला नहीं बनता है।
कथित तौर पर चार्जशीट अलीबाग कोर्ट में प्रदीप पाटिल की तरफ से दाखिल की गई है। रिपब्लिक का दावा है कि पाटिल ने ही हिरासत के दौरान अर्नब को प्रताड़ित किया था।। यह चार्जशीट बॉम्बे उच्च न्यायालय में रिपब्लिक टीवी की ओर से दो आवेदन दायर किए जाने के कुछ घंटों के भीतर सामने आया है। रिपब्लिक ने आवेदन में कहा था कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री इस मामले में चार्जशट दायर किए जाने का दावा कर रहे हैं।
हाल ही में (27 नवंबर 2020) अर्णब गोस्वामी को बड़ी राहत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफ़आईआर का प्रथम दृष्टया मूल्यांकन करने के बाद स्पष्ट है कि 2018 में अन्वय नाइक आत्महत्या मामले में उकसाने के आरोप निराधार हैं। 27 नवंबर को न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी की पीठ ने आदेश सुनाया था, जिसमें उन्होंने अर्णब गोस्वामी (11 नवंबर 2020) को अंतिरम जमानत देने के कारणों का विस्तार से उल्लेख किया था।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा दर्ज किए गए आत्महत्या के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने 11 नवंबर को अर्णब गोस्वामी को अंतरिम जमानत देते हुए तत्काल प्रभाव से रिहा करने का आदेश दिया था। सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश चंद्रचूड़ और न्यायाधीश इंदू मल्होत्रा की पीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए कहा था कि बॉम्बे उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत का आवेदन अस्वीकार करके तकनीकी आधार पर गलती की है। अर्णब गोस्वामी को जमानत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने रायगढ़ पुलिस को निर्देश दिया था कि वह रिहाई के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें।
सर्वोच्च न्यायालय ने अर्णब गोस्वामी और मामले के अन्य दो आरोपितों को जमानत के लिए 50 हज़ार का निजी मुचलका भरने का आदेश दिया था। महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2018 अन्वय नाइक आत्महत्या मामले की फाइल दोबारा खोले जाने के बाद 4 नवंबर को अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी हुई थी। कथित तौर पर नाइक ने अपने सुसाइड नोट में अर्णब गोस्वामी सहित कुछ लोगों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने बकाया भुगतान नहीं किया था। रायगढ़ पुलिस द्वारा मामले में अंतरिम रिपोर्ट दाखिल किए जाने के बाद मामले की फाइल बंद कर दी गई थी, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की फाइल दोबारा खोली थी।