Wednesday, May 8, 2024
Homeराजनीतिबंगाल में बुर्के वाली मतदाताओं की पहचान के लिए BJP का उप चुनाव आयुक्त...

बंगाल में बुर्के वाली मतदाताओं की पहचान के लिए BJP का उप चुनाव आयुक्त को पत्र: उठाई महिला CPF कर्मियों की तैनाती की माँग

पत्र में कहा गया कि अल्पसंख्यक (मुस्लिम) महिलाएँ आमतौर पर बुर्के में आती हैं। ऐसे में सीपीएफ जवानों के लिए उनकी पहचान सुनिश्चित कर पाना संभव नहीं होता। इसलिए पहले ही निवेदन है कि पर्याप्त मात्रा में सीपीएफ महिला कर्मियों को तैनात किया जाए।

पश्चिम बंगाल में अगले साल (2021) होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा (BJP) ने उप चुनाव आयुक्त (Dy Election Commissioner) को पत्र लिखा है। इस पत्र में भाजपा की ओर से पोलिंग बूथों पर केंद्रीय पुलिस बल (CPF) की महिला कर्मियों की तैनाती के लिए माँग की गई है। 

पत्र में कहा गया है कि अल्पसंख्यक क्षेत्रों में महिला मतदाताएँ सामान्य तौर पर बुर्का पहनकर वोट देने आती हैं। ऐसे में उन्हें बूथ में प्रवेश की अनुमति देने से पहले उनकी पहचान कर पाना सीपीएफ जवानों के लिए संभव नहीं होता।

समाचार एजेंसी ANI द्वारा जारी पत्र के मुताबिक, 18 नवंबर 2020 को सार्वजनिक की गई वोटर लिस्ट की बाबत भाजपा ने पत्र में कहा कि राज्य में मतदाताओं की संख्या में बढ़ौतरी हुई है, खासकर उन इलाकों में जो बांग्लादेश सीमा के नजदीक हैं और जहाँ मुख्य रूप से अल्पसंख्यक वोटर्स हैं।

भाजपा ने कस्बा, सोनारपुर उत्तर, मेटियाब्रुज का जिक्र करके कहा कि इन विधानसभा क्षेत्रों में कोई टाउनशिप या सेटलमेंट न होने के बावजूद मतदाताओं में बढ़ौतरी हुई है। इसके अलावा उन्हें यह भी पता चला है कि मृत मतदाता या फिर ऐसे लोग जिन्होंने अपना आवास बदल लिया है, वो अब तक वोटर लिस्ट का हिस्सा हैं।

आगे पत्र में कहा गया कि अल्पसंख्यक (मुस्लिम) महिलाएँ आमतौर पर बुर्के में आती हैं। ऐसे में सीपीएफ जवानों के लिए उनकी पहचान सुनिश्चित कर पाना संभव नहीं होता। इसलिए पहले ही निवेदन है कि पर्याप्त मात्रा में सीपीएफ महिला कर्मियों को तैनात किया जाए।

उल्लेखनीय है कि चुनावों के दौरान बुर्का पहनकर पोलिंग बूथ पर मतदान करने वाली अल्पसंख्यक महिलाओं को लेकर सवाल पहली बार नहीं खड़ा किया गया। पिछले साल का मामला है जब पश्चिम उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक महिला अपनी ही मृत सौतन के बदले वोट डालने पोलिंग बूथ पहुँची थी। बाद में पकड़े जाने पर उसे महिला पुलिस थाने ले गईं थी और केस दर्ज किया था।

इस साल हैदराबाद में हुए नगर निगम के चुनावों के बीच भी बुर्का पहनकर वोट करने आ रही महिलाओं पर सवाल उठाए गए थे। साल 2018 में कर्नाटक के बेलगावी में भी बुर्का पहने महिलाओं के वोट डालने पर विवाद हुआ था। उससे पहले साल 2017 के यूपी चुनाव में भी भाजपा ने ऐसी गड़बड़ियों से बचने के लिए चुनाव आयोग से ऐसी गुजारिश की थी। उस समय भी पोलिंग बूथों पर महिलाकर्मियों की तैनाती के लिए माँग की गई थी ताकि बुर्के वाली महिलाओं की पहचान सुनिश्चिन हों

बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले मतदान में निष्पक्षता की चिंता लिए राज्यसभा सांसद स्वपन दास गुप्ता के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं का एक दल चुनाव आयोग पहुँचा था। इस दौरान चुनाव आयोग के अधिकारियों को निष्पक्ष चुनाव के लिए उन्होंने एक मांग पत्र सौंपा था। अपने पत्र में भाजपा ने कहा था कि राज्य की कानून व्यवस्था बहुत ज्यादा बिगड़ गई है, ऐसे में वहाँ पर जल्द आचार संहिता लागू होनी चाहिए और चुनाव से पहले ही केंद्रीय पुलिस बल (CPF) भी तैनात होने चाहिए।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा असली मालिकों को सौंपा जाए’: जैन संतों उस मंदिर का किया दौरा, जिसे मुस्लिम आक्रांता कुतुबद्दीन ऐबक ने तोड़कर बना...

जैन भिक्षुओं और उनके अनुयायियों ने अपनी यात्रा के दौरान मस्जिद के केंद्रीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया। मुनि सुनील सागर ने स्थल पर पत्थर के मंच पर दस मिनट तक प्रवचन किया।

प्रोपेगेंडा ‘खतरे में मुसलमान’ का, पर भारत में हिंदुओं की हिस्सेदारी 8% घटी: इस्लामी आबादी का शेयर 5 फीसदी बढ़ा, ईसाई भी फले-फूले

पिछले 65 साल में हिंदू किसी के लिए खतरा नहीं बने, उलटा देश की जनसंख्या बढ़ने के बावजूद उनका प्रतिशत पहले के मुकाबले कम हुआ है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -