अपने तथाकथित हास्य कार्यक्रमों के जरिए हिन्दू देवी-देवताओं को निशाना बनाने वाले कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी (Munawar faruqui) की जमानत याचिका लगातार दूसरी बार खारिज हो गई। इंदौर के सत्र न्यायलय ने उसे मंगलवार (जनवरी 5, 2021) को जमानत देने से इनकार कर दिया। भाजपा के एक स्थानीय विधायक के बटे ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश यतींद्र कुमार गुरु ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ये आदेश दिया।
मुनव्वर फारूकी गुजरात के जूनागढ़ का रहने वाला है। इंदौर के एक कार्यक्रम में हिन्दू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने के कारण लोगों ने उसकी पिटाई कर के साथियों सहित पुलिस को सौंप दिया था। मुनव्वर फारूकी के साथ-साथ उसके साथी नलिन यादव की जमानत याचिका भी ख़ारिज हो गई। उसने ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। उसके वकील ने मामला राजनीतिक दबाव में दर्ज किए जाने का आरोप लगाया था।
वकील ने कोर्ट में ये भी दावा किया कि इन दोनों के खिलाफ लगाए गए आरोप अस्पष्ट हैं। उसने कहा कि ये दोनों कलाकार हैं और नववर्ष के अवसर पर इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने ऐसी कोई भी टिप्पणी नहीं की थी, जिससे किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचे। हालाँकि, अभियोजन पक्ष के वकील विमल मिश्रा ने जमानत याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कार्यक्रम अश्लीलता से भरा था और उसमें नाबालिग लड़के-लड़कियों को भी बुलाया गया था।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के आलोक में जारी किए गए दिशानिर्देशों के हिसाब से इस कार्यक्रम के लिए प्रशासन की अनुमति लेना अनिवार्य था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। शहर के एक कैफे में आयोजित इस कार्यक्रम में हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक भी बनाया गया। इससे पहले शनिवार को भी इन दोनों की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी गई थी। इस मामले में कुल 5 आरोपित हैं।
कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को नहीं मिली जमानत, हिंदू देवी-देवताओं पर की थी विवादित टिप्पणी https://t.co/Lwpz8s4X5s
— Oneindia Hindi (@oneindiaHindi) January 6, 2021
ये मामला तुकोगंज थाना क्षेत्र का है। स्थानीय भाजपा विधायक के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने जनवरी 1,2021 की रात को थाने में मुनव्वर फारूकी समेत 5 को आरोपित बनाते हुए मामला दर्ज कराया था। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित के साथ-साथ गोधरा कांड का मजाक बनाए जाने का भी आरोप है। एकलव्य अपने साथियों के साथ कार्यक्रम में आए थे और उन्होंने पाया कि कॉमेडी के नाम पर आपत्तिजनक सामग्रियाँ परोसी जा रही हैं।
‘लाइव हिंदुस्तान’ की खबर के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इस विवादास्पद कार्यक्रम को लेकर 5 आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड विधान (IPC) की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य), धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के उद्देश्य से जान-बूझकर कहे गए शब्द) और अन्य सम्बंधित प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था।
पिछली बार सुनवाई के दौरान फारुकी के वकील अंशुमन श्रीवास्तव ने अदालत में बहस के दौरान कहा था कि यह मामला पार्टीगत राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज कराया गया है। श्रीवास्तव ने कथित कॉमेडियन के पक्ष में पैरवी करते हुए करते हुए मामले में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक प्रावधानों का हवाला दिया था। वकील अंशुमन श्रीवास्तव मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी लीगल सेल के सचिव और राज्य प्रवक्ता हैं।