Monday, December 23, 2024
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‘सोनार बांग्ला’ की हवा? सर्वे की पिच पर भी बीजेपी बढ़ी, ममता बनर्जी के ‘खेला होबे’ की रफ्तार स्लो

ताज़ा 'जन की बात ओपिनियन पोल', जिसमें भाजपा की सरकार स्पष्ट रूप से बनती दिख रही है। भाजपा को इसमें 150-162 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है, वहीं TMC को 118-134 पर अटकते हुए दिखाया गया है। वहीं वामपंथी गठबंधन मात्र 10-14 पर ही रह जाएगा। इसमें दो बड़ी बातें हैं - 85% मुस्लिम अब भी ममता बनर्जी के साथ हैं और नंदीग्राम में मुख्यमंत्री को झटका लग सकता है।

अमित शाह को 2014 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई थी। तब वो हर न्यूज़ इंटरव्यू में स्पष्ट कहा करते थे कि राज्य में भाजपा को उतनी सीटें आएँगी, जितनी आज तक नहीं आईं। अब पश्चिम बंगाल में भी उन्होंने 200 पार का आँकड़ा और नारा दिया है। लेकिन, पश्चिम बंगाल के पिछले महीने के कुछ ओपिनियन पोल या सर्वेज को देखें तो भाजपा हर जगह तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) से पिछड़ती ही दिख रही थी।

लेकिन, ताज़ा 2 ओपिनियन पोल ऐसे हैं जो सभी का ध्यान अपनी तरफ खींच रहे हैं और मत प्रतिशत का फासला इतना करीब पहुँच गया है कि अब सर्वे करने वाले भी इसे काँटे की टक्कर मान रहे हैं। हम इसकी बात करेंगे, लेकिन इससे पहले आए दो ओपिनियन पोल्स की बात करते हैं पहले, जिसमें ममता बनर्जी फिर से सरकार बनाती दिख रही हैं। सवाल है कि आखिर डेढ़ महीने से भी कम समय में ऐसा क्या बदल गया?

सबसे पहले बात ‘ABP न्यूज़ – C वोटर ओपिनियन पोल‘ की, जिसके परिणाम फरवरी 28, 2021 को जारी किए गए थे। उसमें बताया गया था कि TMC 294 में से 148-164 सीटें जीत कर सत्ता में वापसी कर रही है और भाजपा 92-108 सीटों के साथ उसे कड़ी टक्कर दे सकती है। कॉन्ग्रेस-लेफ्ट-ISF गठबंधन को मात्र 31-39 सीटें दी गई थीं। यानी, उस सर्वे में भाजपा बहुमत (148) से काफी दूर रह जा रही थी।

वहीं इसके लगभग तीन हफ़्तों बाद ‘ABP न्यूज़ – CNX ओपिनियन पोल‘ आया, जिसमें भाजपा बहुमत के करीब पहुँचती दिख रही है। जहाँ TMC को इसमें 136-146 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है, वहीं भाजपा को 130-140 सीटें मिलने की बात कही जा रही है। वामपंथी-कॉन्ग्रेस-ISF गठबंधन को 14-18 सीटें मिलते हुए दिखाया गया है। सबसे बड़ी बात ये है कि मत प्रतिशत में ज्यादा अंतर नहीं है।

ताज़ा सर्वे में जहाँ तृणमूल को 40.07% वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है, वहीं 37.75% वोटों के साथ भाजपा के एकदम करीब होने का अनुमान लगाया जा रहा है। जब बात मात्र 3% वोटों से आगे-पीछे होने की हो, तब राज्य में परिवर्तन की आहट सुनाई देने लगती है। 28 फरवरी वाले सर्वे में TMC को 43% और भाजपा को 38% वोट पाते हुए दिखाया गया है। 5% का फासला अब 3% का रह गया है।

अब सवाल कि आखिर तब से अब तक क्या बदल गया? इसमें कई चीजें ध्यान देने लायक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 8, 2021 को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली रैली की। जब पिछला सर्वे हुआ था, तब भाजपा के सबसे बड़े चेहरे का प्रचार अभियान शुरू नहीं हुआ था। एक और बात ये है कि तब लेफ्ट-कॉन्ग्रेस-ISF के बीच सीटों का बँटवारा नहीं हुआ था। ISF फुरफुरा शरीफ के मौलाना अब्बास सिद्दीकी की पार्टी है।

माना जा रहा है कि इस गठबंधन में अब्बास के उम्मीदवार ममता बनर्जी की तरफ झुकी हुई मानी जा रही अल्पसंख्यक वोटों को जम कर काटेंगे। इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी ने भी पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने की घोषणा कर रखी है। इससे ज्यादा फर्क भले न पड़े, लेकिन ओवैसी की जहाँ-जहाँ रैलियाँ होंगी, वहाँ नुकसान तृणमूल का ही होगा। अस्पताल में रहने के कारण ममता बनर्जी को मीडिया फुटेज और पब्लिसिटी तो खूब मिली, लेकिन उनके कई कार्यक्रम भी स्थगित हुए।

अब बात करते हैं सबसे ताज़ा ‘जन की बात ओपिनियन पोल’ की, जिसमें भाजपा की सरकार स्पष्ट रूप से बनती दिख रही है। भाजपा को इसमें 150-162 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है, वहीं TMC को 118-134 पर अटकते हुए दिखाया गया है। वहीं वामपंथी गठबंधन मात्र 10-14 पर ही रह जाएगा। इसमें दो बड़ी बातें हैं – 85% मुस्लिम अब भी ममता बनर्जी के साथ हैं और नंदीग्राम में मुख्यमंत्री को झटका लग सकता है।

इसी बीच एक और आँकड़े की बात कर लेते हैं, जो प्रशांत किशोर ने दिसंबर के तीसरे हफ्ते के अंतिम दिन भविष्यवाणी की थी कि भाजपा के लिए मीडिया हाइप बना रही है लेकिन पार्टी दो अंकों की संख्या पार करने के लिए भी तरस जाएगी। इस पर बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि देश को एक राजनीतिक विशेषज्ञ खोना पड़ेगा। क्या प्रशांत किशोर कहना चाह रहे थे कि भाजपा 99 पर अटक जाएगी?

प्रशांत किशोर की ये भविष्यवाणी मेदिनीपुर के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के 2 दिन बाद आई थी। ये बौखलाहट थी या मीडिया को पुनर्विश्लेषण की सलाह? राजनीतिक विश्लेषक इसीलिए भी ममता बनर्जी के खिलाफ बहुत कुछ अंदाज़ा नहीं लगा रहे हैं क्योंकि इस बार ऐसी पार्टी उन्हें कड़ी टक्कर दे रही है जो 2016 विधानसभा चुनाव में मात्र 3 सीटें ही जीत पाई थी। 3 से सीधे 148 तक पहुँचना बहुत बड़ी बात होती है।

प्रधानमंत्री अब तक कोलकाता के अलावा पुरुलिया, खड़गपुर और बाँकुड़ा में रैलियाँ कर चुके हैं। कई रैलियाँ अभी होनी हैं। अमित शाह का ज्यादा जोर रोडशो पर है। हो सकता है ममता बनर्जी की पदयात्राओं की काट के रूप में वो ऐसा कर रहे हैं। शाह का अनुमान है कि भाजपा को 294 में से 200 सीटें मिलेंगी ही मिलेंगी। अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की तैयारी भाजपा अध्यक्ष बनते ही शुरू कर दी थी और इसीलिए अब उस पद पर न रहते हुए भी वो इसके लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं।

असल में भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव को देख ही नहीं रही है। उसे 2019 का लोकसभा चुनाव दिख रहा है जो अपेक्षाकृत ताज़ा भी है और पार्टी के लिए मनोबल बढ़ाने वाला भी। भाजपा ने 43.3% वोट शेयर के साथ 18 सीटें जीती थीं। वहीं TMC वोट शेयर के मामले में उससे 3% पीछे रही थी लेकिन भाजपा से 4 सीटें ज्यादा पाने में कामयाब रही थी। अप्रैल 2019 से पहले हुए ओपिनियन पोल्स में तब भी भाजपा को किसी ने 8 से ज्यादा सीटें नहीं दी थीं।

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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