Friday, October 18, 2024
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दिल्ली में ऑक्सीजन संकट, कोरोना की तीसरी लहर पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- ‘क्या कोई इमरजेंसी प्लान है?’

अदालत ने पूछा कि अगर तीसरी लहर में बच्चे संक्रमित हुए तो वह क्या करेंगे? अगर हालात बिगड़े तो क्या सरकार के पास कोई इमरजेंसी प्लान है?

कोरोना की मार झेल रही देश की राजधानी दिल्ली में पिछले एक माह से जारी ऑक्सीजन संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (6 मई) को सुनवाई की।

दिल्ली में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र का पक्ष रखते हुए कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में इस समय पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है। आज भी ऑक्सीजन ट्रेन से 280 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आ रही है। तुषार मेहता ने कहा कि राजस्थान, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य अधिक ऑक्सीजन की माँग कर रहे हैं।

केंद्र ने ऑक्सीजन की खरीद और विभिन्न राज्यों को आपूर्ति की अपनी विस्तृत योजना सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की।

कोर्ट ने केंद्र से दिल्ली को प्रतिदिन 700MT ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने को कहा। इस दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील राहुल मेहरा से कोर्ट ने पूछा कि आपको ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई लेकिन आपने इसे लिया नहीं? इस पर राहुल मेहरा ने कहा दिल्ली सरकार को सिर्फ 555MT ऑक्सीजन मिली है। केंद्र सरकार के दावों के मुताबिक 730 MT उन्हें नहीं मिली।

दिल्ली सरकार की ओर से अदालत में ये शिकायत भी की गई कि राजधानी के अधिकतर अधिकारी सीधे एलजी को रिपोर्ट करते हैं, ऐसे में केंद्र को पता है कि उन्हें (दिल्ली सरकार) कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

SC ने जताई तीसरी लहर पर चिंता, पूछा ‘इमरजेंसी प्लान’

बता दें कि मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के सामने तीसरी लहर को लेकर चिंता जाहिर की। अदालत ने पूछा कि अगर इस लहर में बच्चे संक्रमित हुए तो वह क्या करेंगे? अगर हालात बिगड़े तो क्या सरकार के पास कोई इमरजेंसी प्लान है? कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।

मालूम हो कि कोर्ट की ओर से केंद्र को ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने और दिल्ली को 700MT ऑक्सीजन देने को कहा गया था। ऐसे में केंद्र ने कहा है कि दिल्ली को यदि जरूरत से ज्यादा सप्लाई मिलेगी तो अन्य राज्यों की हिस्सेदारी प्रभावित होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव सुमिता दावरा ने अदालत से कहा कि कुल टैंकर के 53 फीसदी को दिल्ली में सप्लाई के लिए ही लगाया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सभी अस्पताल कोविड स्पेशल नहीं हैं और छोटे अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता नहीं है।

अदालत ने कहा कि ऑक्सीजन के आवंटन का केंद्र सरकार का फॉर्म्युला दिल्ली के लिए ठीक नहीं है और इसमें बदलाव किया जाना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि आपको सिर्फ राज्यों को ऑक्सीजन का आवंटन करने की ही जरूरत नहीं है बल्कि उसे पहुँचाने की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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