केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर लगाए जा रहे आरोपों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया है। उन्होंने विभिन्न राज्य सरकारों और नेताओं के बयान एवं पत्रों से मिली जानकारियों का जवाब दिया। लेकिन, साथ ही चेताया कि विश्लेषण से इस स्थिति को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है और निरर्थक बयान सिर्फ लोगों में घबराहट पैदा करने के लिए किए जा रहे हैं।
वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिया आरोपों का जवाब
मनसुख मांडविया ने कहा कि सरकारी और निजी अस्पतालों के जरिए टीकाकरण हो सके, इसलिए जून महीने में 11.46 करोड़ वैक्सीन की डोज राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपलब्ध कराए गए थे। साथ ही जानकारी दी कि जुलाई के महीने में इस उपलब्धता को बढ़ाकर 13.50 करोड़ किया गया है। उन्होंने बताया कि जुलाई में राज्यों में वैक्सीन के कितने डोज उपलब्ध कराई जाएगी, इसकी जानकारी केंद्र सरकार ने राज्यों को 19 जून, 2021 को ही दे दी थी।
बकौल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, इसके बाद 27 जून व 13 जुलाई को केंद्र की ओर से राज्यों को जुलाई के पहले व दूसरे सप्ताह के लिए उन्हें हर दिन की वैक्सीन उपलब्धता की जानकारी बैच के हिसाब से एडवांस में ही दी गई। उन्होंने कहा कि राज्यों को यह अच्छी तरह से पता है कि उन्हें कब और कितनी मात्रा में वैक्सीन डोज मिलेंगे। साथ ही समझाया कि केंद्र सरकार ने ऐसा इसलिए किया है ताकि राज्य सरकारें जिला स्तर तक वैक्सीनेशन का काम सही योजना बनाकर कर सकें और लोगों को कोई परेशानी नहीं हो।
मनसुख मांडविया ने आगे कहा, “अगर केंद्र पहले से ही अपनी तरफ से ये जानकारियाँ एडवांस में दे रही है और इसके बावजूद भी हमें कुप्रबंधन और वैक्सीन लेने वालों की लंबी कतारें दिख रही हैं तो यह बिल्कुल स्पष्ट है कि समस्या क्या है और इसकी वजह कौन है। मीडिया में भ्रम व चिंता पैदा करने वाले बयान देने वाले नेताओ को इस बात पर आत्म-निरीक्षण करने की जरूरत है क्या उन्होंने शासन प्रक्रिया व इससे सबंधित जानकारियों से इतनी दूरी बना ली है कि वैक्सीन आपूर्ति के संदर्भ में पहले से ही दी जा रही जानकारियों का उन्हें कोई अता-पता नहीं है?”
भीड़भाड़ वाले इलाकों में कोरोना दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर केंद्र गंभीर
इधर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर निर्देश दिया है कि वो भीड़भाड़ वाले इलाकों में कोरोना दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन कराएँ। उन्होंने लिखा है कि अब जब सब कुछ लॉकडाउन के बाद खुल रहा है, ये प्रक्रिया ठीक तरह से होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के कई इलाकों में हिल स्टेशंस से लेकर ट्रांसपोर्ट तक में लोगों की भीड़ काफी बढ़ गई है, जिसे नियंत्रित किए जाने की ज़रूरत है।
उन्होंने ध्यान दिलाया कि ये भीड़ न तो सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कर रही है और न ही लोग मास्क लगाने को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने याद दिलाया कि अभी तक कोरोना की दूसरी लहर ख़त्म नहीं हुई है, ऐसे में ‘दवाई भी और कड़ाई भी’ का पालन करते हुए कोरोना दिशानिर्देशों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। अधिकारियों को कहा गया है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में नियमों का पालन नहीं कराया गया तो कार्रवाई हो सकती है।
Union Home Secretary Ajay Bhalla writes to Chief Secretaries and Administrators of State/UTs, urging them to issue strict directions to the district and other local authorities to regulate the crowded places and take necessary measures for the management of #COVID19. pic.twitter.com/3bNBTRtgO1
— ANI (@ANI) July 14, 2021
एक दिन पहले उत्तर-पूर्व के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि ये सही है कि कोरोना की वजह से पर्यटन, व्यापार-कारोबार बहुत प्रभावित हुआ है। लेकिन, साथ ही उन्होंने चेताया भी था, “आज मैं बहुत जोर देकर कहूँगा कि हिल स्टेशंस में, मार्केट्स में बिना मास्क पहने, भारी भीड़ का उमड़ना ठीक नहीं।” देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों से पिछले कुछ दिनों में ऐसी कई तस्वीरें सामने आई हैं, जहाँ लोगों को भारी भीड़ जुटाते हुए देखा गया।