कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से भारत में अब तक 4,43,960 मौतें हुई हैं। इनमें से 30 फीसदी से ज्यादा लोगों की जान अकेले महाराष्ट्र्र में गई है। इस महामारी की वजह से महाराष्ट्र में 1,38,277 लोगों की मौत हो चुकी है।
आँकड़ों से पता चलता है कि कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली और केरल भी उन राज्यों में हैं जहाँ संक्रमण से ज्यादा मौतें हुई हैं। देश के ज्यादातर हिस्सों में अब महामारी पर काफी हद तक नियंत्रण दिख रहा है। लेकिन, केरल में लगातार मामले बढ़े रहे हैं जो बेहद चिंताजनक है।
फिलहाल केरल में नए मामले सामने आने की रफ्तार में कमी आई है। बावजूद इसके संक्रमण के नए मामलों में सबसे ज्यादा योगदान उसका ही है। केरल में वर्तमान में टेस्ट की पॉजिटिविटी रेट 16.5% है। इसका मतलब है कि केरल में प्रत्येक 100 जाँच में 17 लोगों में संक्रमण मिल रहा है।
यदि कोरोना वायरस के कुल केस को देखें तो महाराष्ट्र में 66 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। यह देश में सबसे अधिक है। इसके बाद केरल में 44 लाख से अधिक मामले हैं। इससे पहले अगस्त में केरल ने केवल पाँच दिनों में रिकॉर्ड 1.5 लाख नए मामले दर्ज किए थे। आँकड़े बताते हैं कि केरल में कोरोना के मामले बढ़े हैं, बावजूद इसके केरल के COVID-19 ‘प्रबंधन’ की राष्ट्रीय मुख्यधारा के मीडिया के साथ-साथ कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा लगातार सराहना की जा रही है। अब तक भारत में कुल सक्रिय कोरोना वायरस मामलों में से 56% से अधिक केरल से हैं।
सोमवार (13 सितंबर 2021) को कोरोना से होने वाली मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ते हुए केरल सबसे अधिक मौतों वाला पाँचवाँ राज्य बन गया। बुधवार (15 सितंबर 2021) को केरल में 25,588 मरीज स्वस्थ हुए, जबकि 17,681 नए मामले सामने आए। केरल में बुधवार को ही कोरोना के चलते 208 लोगों की मौत हुई, जो कि भारत में सबसे अधिक है। पूरे देश में में कोरोना के 3,36,007 सक्रिय मामले हैं, जिनमें से अकेले 1,90,790 सक्रिय मामले केरल के हैं।