ईद-ए-मिलाद के अवसर पर जुलूस निकालने को लेकर देश के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें हैं। मध्य प्रदेश के कम-से-कम चार जिलों में झड़प की घटनाएँ हुईँ, जिनमें 20 लोगों के घायल होने की खबर है। घायलों में एक छोटी बच्ची सहित पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। मध्य प्रदेश के धार, जबलपुर, खरगौन और बरवानी में हुई हिंसा में उपद्रवियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की और पटाखे फेंके। उत्तर प्रदेश के कानपुर और बरेली से भी हिंसा की खबरें हैं।
मध्य प्रदेश के जबलपुर में मंगलवार को जुलूस के साथ डीजे लगाकर जा रही भीड़ को पुलिस ने रोका और डीजे उतारने के लिए कहा। इसके बाद भीड़ ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की और पुलिस पर पथराव किया। इस दौरान पुलिस पर जलते पटाखे भी फेंके गए। उपद्रवियों ने कपड़े बाँधकर चेहरे को छिपा रखा था, ताकि उनकी पहचान ना हो सके। इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में लाठीचार्ज किया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले फेंके।
अधिकारियों के अनुसार, घटना शहर के मछली बाजार इलाके में इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के रूप में मनाए जाने वाले ईद-ए-मिलाद के मौके पर हुई। दरअसल, बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग निर्धारित रास्ते से अलग, संवेदनशील इलाके से होकर मस्जिद में नमाज के लिए जाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें निर्धारित मार्ग से जाने के लिए कहा। इस पर भीड़ भड़क उठी और विवाद करने लगी।
जबलपुर के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया, ‘‘मछली बाजार संवेदनशील इलाका होने के कारण पुलिस ने लोगों को निर्धारित मार्ग से जाने के लिए कहा। इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव किया और जलते हुए पटाखे फेंके। इसके बाद आत्मरक्षा में पुलिस ने उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आँसू गैस के गोले दागे।’’
जिलाधिकारी कर्मवीर शर्मा ने बताया कि पुलिस पर पटाखे और पत्थर फेंकने वाले लोगों की पहचान कर ली गई है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना ना हो।
उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने 100 से अधिक आँसू गैस के गोले दागे। इसके अलावा, पुलिस ने एक उपद्रवी को हिरासत में भी लिया है। पुलिस पर पथराव करने वालों में 15 से 25 वर्ष के उपद्रवी सबसे आगे थे। पथराव में कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और करीब एक दर्जन पुलिसकर्मियों को चोटें भी आईं हैं।
इसके अलावा, धार में जुलूस निकालने के लिए गुलमोहर कॉलोनी में करीब 2000 लोग जुटे थे। उसके बाद यह भीड़ प्रतिबंधित क्षेत्र से गुजरने की कोशिश करने लगी। इस दौरान जुलूस में शामिल कुछ लोगों ने बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की और जब पुलिस ने रोका तो उनके साथ धक्का-मुक्की करने लगे। भीड़ जवानों पर पत्थरबाजी करने लगी। इसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया।
वहीं, उत्तर प्रदेश के कानपुर में जुलूस निकालने की अनुमति नहीं मिलने पर जमकर हंगामा किया गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ परेड चौराहे पर पहुँचकर प्रदर्शन और नारेबाजी करने लगी। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ दिया। पुलिस कार्रवाई के दौरान मची भगदड़ में कुछ लोगों के घायल होने की भी सूचना है। दैनिक जागरण के अनुसार, इस बात को लेकर इलाके में तनाव का माहौल है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस को तैनात किया गया है।
उत्तर प्रदेश के ही बरेली में जुलूस में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर पुलिस और लोगों के बीच नोकझोंक हो गई। इसके बाद भीड़ ने पुलिस का घेराव किया। हालाँकि, पुलिस के दबाव में लाउडस्पीकर उतारना पड़ा। दरअसल, शीशगढ़ में लोगों ने जुलूस निकालने की तैयारी करने के बाद लाउडस्पीकर लगे जुलूस को गौड़ी मुहल्ला से लेकर जाने लगे। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली और पुलिस बल मौके पर पहुँचकर लाउडस्पीकर को बंद करा दिया। इसके बाद भीड़ पुलिस से उलझ गई। पुलिस का कहना था कि अब तक जैसे जुलूस निकलते रहा है, वैसे ही निकलना चाहिए। पहले जुलूस के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जाता था।
इसके अलावा, गुजरात के अहमदाबाद में एक ही समुदाय के दो गुटों के बीच ईद-ए-मिलाद के दौरान ड्रम बजाने को लेकर झड़प हो गया, जिसमें चार लोग घायल हो गए हैं। सोमवार की रात हुई इस घटना में तीन लोगों को पुलिस ने अस्पताल पहुँचाया है। इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों के 11 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 337 और 294(बी) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।