Monday, December 23, 2024
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खुले में नमाज पर फिर विवाद: हिन्दू संगठनों ने लगाए जय श्रीराम के नारे, गुरुग्राम पुलिस ने लिया हिन्दुओं पर ही एक्शन, 10 को उठाया

"पूरे गुरुग्राम में खुले में नमाज़ की आधिकारिक अनुमति कहीं नहीं है। जो परमीशन ये सभी दिखाते हैं वो PDF फॉर्मेट में है। उसमें कहीं भी किसी अधिकारी के दस्तखत नहीं हैं। यह सब जुबानी चल रहा है।"

गुरुग्राम में आज शुक्रवार (3 दिसंबर) को एक बार फिर से नमाज़ के मुद्दे पर विवाद हुआ है। सेक्टर-37 में सार्वजानिक स्थल पर नमाज़ पढ़ते मुस्लिमों का विरोध हिन्दू संगठनो ने शुरू कर दिया। जय श्रीराम के नारों के साथ खुले में नमाज़ का इस जुमे को भी खुलकर विरोध किया गया। हालाँकि, गुरुग्राम पुलिस ने मौके से विरोध कर रहे हिन्दू पक्ष के लगभग 10 लोगों को हिरासत में लिया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने पहले खुले में नमाज़ का विरोध कर रहे लोगों को समझाने की कोशिश की थी। लेकिन वहाँ मौजूद लोग किसी भी रूप में बाहर सरकारी संपत्ति पर नमाज़ न होने देने पर आमादा थे। पुलिस से धक्का मुक्की भी हुई है। इस कार्रवाई के बाद भी हिन्दू संगठनों ने ऐलान किया है कि वो खुले में नमाज़ हरगिज नहीं होने देंगे।

ऑपइंडिया ने नमाज़ का विरोध करने वाले प्रमुख हिन्दू संगठन भारत माता वाहिनी के प्रमुख दिनेश ठाकुर से सम्पर्क किया। दिनेश ठाकुर का फोन उनके साथी सुधीर भदौरिया ने उठाया। उन्होंने बताया, “आज नमाज़ के विरोध प्रदर्शन में मैं भी शामिल था। हमारे कुल 10 साथियों को हिरासत में लिया गया था। 10 में से 9 को भारी दबाव के चलते छोड़ दिया गया। लेकिन अब तक दिनेश ठाकुर को नहीं छोड़ा गया। उन्हें सेक्टर-37 थाने के बजाय सेक्टर-10 A पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। हमें सूचना मिल रही कि उन पर पुलिस धाराएँ लगाने जा रही है।”

भदौरिया के मुताबिक दिनेश ठाकुर ही गुरुग्राम में खुले में नमाज़ के विरोध प्रदर्शन के मुखिया हैं। उन्होंने कल भी प्रशासन को बताया था कि खुले में नमाज़ न होने दी जाए। आज दूसरे पक्ष ने जबरदस्ती नमाज़ पढ़ी है। इसके बाद भी मुस्लिम पक्ष से कोई भी हिरासत में नहीं लिया गया। नमाज़ का मुख्य आयोजक शहज़ाद खान है। शहज़ाद खान बाहरी है। सेक्टर-37 के पास खानसा गाँव है वहाँ हिन्दुओं की मिश्रित आबादी रहती है। मुस्लिमों की संख्या नाममात्र है। बगल में इंडस्ट्रियल एरिया है। ये सभी उन्हीं फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोग हैं। इसलिए वो सब एक हो कर कुछ न कुछ गलत करने के चक्कर में रहते हैं।

सुधीर ने आगे बताया कि पूरे गुरुग्राम में खुले में नमाज़ की आधिकारिक अनुमति कहीं नहीं है। जो परमीशन ये सभी दिखाते हैं वो PDF फॉर्मेट में है। उसमें कहीं भी किसी अधिकारी के दस्तखत नहीं हैं। यह सब जुबानी चल रहा है। सेक्टर-37 में नमाज़ियों की अधिकतम संख्या 50 थी जो जबरदस्ती करने वाले लोग हैं। विरोध के दौरान हिन्दू संगठन के लोग 100 – 150 की संख्या में थे। फिर भी पुलिस ने खुल कर नमाज़ियों का सपोर्ट किया। एकतरफा कार्रवाई हिन्दुओं पर ही की गई।

हालाँकि हमने पुलिस से भी संपर्क करना चाहा लेकिन गुरुग्राम पुलिस के सेक्टर-37 का सरकारी नंबर किसी ने नहीं उठाया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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