Saturday, November 2, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजन'द कश्मीर फाइल्स का रिलीज होना शिया मुसलमानों पर सीधा वार': ट्रेलर से ही...

‘द कश्मीर फाइल्स का रिलीज होना शिया मुसलमानों पर सीधा वार’: ट्रेलर से ही हिले मौलाना कल्बे जवाद, विवेक अग्निहोत्री ने कहा- ‘सब कुछ सत्य’

जवाद ने कहा कि फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि अयातुल्लाह खामेनई के अनुयायी शिया मुस्लिम कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार में शामिल रहे हैं। यह पूरी तरह से गलत है। इससे भारत और ईरान के रिश्ते प्रभावित होंगे।

मशहूर फिल्म निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री (Film Director Vivek Ranjan Agnihotri) की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir files) 11 मार्च को रिलीज से पहले विवादों में आ गई है। शिया मुस्लिमों का कहना है कि फिल्म में उनके सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामेनई (Ayatollah Khamenei) को आतंकवाद से जोड़ना उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है। वहीं, अग्निहोत्री इस सीन को हटाने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने इस फिल्म के ट्रेल पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा कि अयातुल्लाह खामेनई की तस्वीर को सुनियोजित रूप से आतंकवाद से जोड़ना गलत है। उन्होंने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Singh Thakur) को पत्र लिखकर कार्रवाई की माँग की है। उन्होंने कहा कि फिल्म के जरिए भारत और ईरान के रिश्ते को प्रभावित करने की भी साजिश की गई है।

उन्होंने कहा कि फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि अयातुल्लाह खामेनई के अनुयायी कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार में शामिल रहे हैं। यह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने फिल्म के इन आपत्तिजनक हिस्सों को हटाने के लिए कहा है। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने भी आपत्ति जताते हुए विवादित सीन को हटाने की माँग की है। उन्होंने सरकार से कार्रवाई की माँग की है।

इससे जुड़े विवाद पर निर्देशक अग्निहोत्री बोले, “दुनिया के किसी कोर्ट में, किसी भी महफिल में, किसी भी फोरम में, किसी भी प्लेटफॉर्म पर मैं इस फिल्म के एक-एक शॉट, उस शॉट के अंदर जो भी दर्शाया गया है, एक-एक डायलॉग, एक-एक कैरेक्टर की पूरी रिस्पॉन्सिबिलिटी अकेले लेने को तैयार हूँ। मैं इसे सौ-सौ रेफरेंस के साथ साबित कर सकता हूँ। इसलिए लोग उंगलियाँ तो बहुत उठाएँगे, क्योंकि हिंदुस्तान में इतने सालों से सबकी दुकानें चल रही थीं तो थोड़ा वो भी एक्सपोज होते हैं। इसकी कोई बात नहीं। फतवों जैसी इतनी बड़ी लड़ाइयाँ लड़ सकते हैं तो 10-12 लीगल केस तो लड़ ही सकते हैं।”

बता दें कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ के ट्रेलर को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। वहीं, इसके खिलाफ दुष्प्रचार शुरू हो गया है। वाम-उदारवादी गैंग बहुत पहले से ही इसे निशाना बनाना शुरू कर दिया था। एनडीटीवी ने फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने से पहले ही इसे एक प्रोपेगेंडा फिल्म कहा था। फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार, चिन्मय मंडलेकर और मृणाल कुलकर्णी मुख्य भूमिकाओं में हैं और यह 11 मार्च 2021 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।

इस फिल्म को बनाने पर उन्हें धमकियाँ भी मिल रही हैं। उन्होंने कहा था कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ उस अमानवीय आतंकवाद की पोल खोलने वाला एक प्रयास है, जिसने शिव और सरस्वती की पवित्र भूमि को तबाह कर दिया। उन्होंने ध्यान दिलाया कि किस तरह मजहबी आतंकवाद भारत की भूमि के अन्य भागों में पाँव पसार रहा है। उन्होंने कहा कि यही कारण है, कि उनके जैसे लोगों को चुप कराने के प्रयास हो रहे हैं। विवेक अग्निहोत्री ने स्पष्ट किया कि वो हमेशा उनके लिए बोलते हैं, जिन्हें सुना नहीं गया।

पिछले दिनों ही उन्होंने फिल्म को लेकर दुष्प्रचार करने वाले गिरोह के बारे में खुलासा किया था। फिल्म समीक्षक अनुपमा चोपड़ा को ‘शूर्पणखा’ बताते हुए फिल्म को नुकसान पहुँचाने की कोशिश का आरोप लगाया था। अब उन्होंने एक वीडियो जारी कर चोपड़ा की कारस्तानी के बारे में विस्तार से बताया है। साथ ही उनलोगों के नाम भी बताए हैं जो कथित तौर पर बॉलीवुड को चलाते हैं। उसके नियम-कायदे सेट करते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कार्यकर्ताओं के कहने पर गई मंदिर, पूजा-पाठ नहीं की’ : फतवा जारी होते ही सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने की तौबा, पार्टी वाले वीडियो...

नसीम सोलंकी अपने समर्थकों सहित चुनाव प्रचार कर रहीं थीं तभी वो एक मंदिर में रुकीं और जलाभिषेक किया। इसके बाद पूरा बवाल उठा।

कर्नाटक में ASI की संपत्ति के भी पीछे पड़ा वक्फ बोर्ड, 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर दावा: RTI से खुलासा, पहले किसानों की 1500 एकड़...

कॉन्ग्रेस-शासित कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने राज्य के 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर अपना दावा किया है, जिनमें से 43 स्मारक पहले ही उनके कब्जे में आ चुके हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -