Sunday, November 24, 2024
Homeदेश-समाजफैक्ट चेक: आतिब ने बोला झूठ, जय श्री राम न बोलने पर मारपीट की...

फैक्ट चेक: आतिब ने बोला झूठ, जय श्री राम न बोलने पर मारपीट की बात निकली फ़र्ज़ी

इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएँ सामने आ चुकी हैं, जब मामूली सी मारपीट की घटना होती है, लेकिन कुछ मीडिया हाउस इसे सांप्रदायिकता का रंग देकर भुनाने की कोशिश करते हैं।

इन दिनों कई ऐसी घटनाएँ देखने को मिली हैं, जहाँ आरोप लगाया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया है और जय श्री राम न बोलने पर उनके साथ मारपीट की जाती है। हालाँकि,जब पुलिस द्वारा इसकी जाँच की जाती है, तो इनमें से अधिकतर मामले फर्जी ही निकलते हैं।

क्या है मामला?

ऐसा ही एक मामला फिर से सामने आया है। कानपुर के बाबूपुरवा में बुधवार (जुलाई 3, 2019) रात तीन युवकों ने मिलकर एक ऑटो चालक आतिब को शौचालय में बंधक बनाकर ईंट-पत्थरों से पीट-पीटकर मरणासन्न कर दिया। इस मामले में आतिब ने आरोप लगाया था कि हमलावरों ने जय श्री राम का नारा न लगाने पर उसके साथ मारपीट की। 

क्या है सच्चाई?

घटना की जानकारी मिलने पर जब पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जाँच शुरू किया तो आतिब का आरोप बिल्कुल निराधार निकला और इस मारपीट के पीछे की एक अलग ही कहानी सामने आई। मामले की जाँच कर रही एसपी साउथ रवीना त्यागी ने बताया कि शुरुआती जाँच में पता चला कि पीड़ित और आरोपित एक साथ बैठकर शराब पी रहे थे। उसी दौरान किसी बात को लेकर विवाद हुआ और फिर मारपीट हुई। जय श्री राम के नारे लगवाने के विरोध में पीटने की बात गलत है। बाकी आरोपों की जाँच की जा रही है। इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएँ सामने आ चुकी हैं, जब मामूली सी मारपीट की घटना होती है, लेकिन कुछ मीडिया हाउस इसे सांप्रदायिकता का रंग देकर भुनाने की कोशिश करते हैं।

हाल ही में, मदरसा के एक शिक्षक ने आरोप लगाया था कि उन्हें जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर किया गया था और मना करने पर उसके साथ मारपीट की गई। लेकिन जब पुलिस ने जाँच शुरू की और प्रत्यक्षदर्शियों से बात की तो मदरसा के शिक्षक मोहम्मद मोमिन का दावा बिल्कुल झूठा निकला। वहीं, गुरुग्राम में भी एक ऐसी ही घटना में बरकत आलम नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि हिंदुओं के एक समूह ने उसे जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर किया और जब उसने ऐसा करने से मना किया तो उसके साथ मारपीट की गई, उसके सिर से टोपी फेंक दिया गया। हालाँकि, जब पुलिस ने मामले की तहकीकात की और घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो बरकत का आरोप भी बिल्कुल निराधार निकला। इस मामले में पुलिस ने भी कहा था कि शराब के नशे में की गई मामूली सी मारपीट की घटना को कुछ असामाजिक तत्व सांप्रदायिकता का रंग देने का प्रयास कर रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में वोट जिहाद की थी तैयारी, पर RSS ने हिंदुओं को बँटने नहीं दिया: जमीन पर अतुल लिमये ने सबको रखा ‘एक’, नतीजों...

महाराष्ट्र में भाजपा की अगुवाई वाली महायुति की प्रचंड जीत में RSS की रणनीति और जमीनी स्तर पर काम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके सूत्रधार अतुल लिमये रहे हैं।

हिंदू बन मंदिर आए, ब्लेड से करने वाले थे संत की हत्या… CM योगी ने खोली मुस्लिम युवकों की साजिश, जानिए कैसे मौलाना चला...

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "अभी 3 महीने पहले कोर्ट ने एक कुख्यात मौलवी और उसके साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सजा इसलिए नहीं दी गई थी कि वो मौलवी था, बल्कि वो छद्म तरीके से धर्मांतरण करता था।"
- विज्ञापन -