राजस्थान में सालासर रोड पर स्थित सुजानगढ़ के प्रवेश द्वार पर स्थित ‘राम दरबार’ की प्रतिमा तोड़े जाने के बाद विपक्ष राजस्थान सरकार पर हमलावर है। बुधवार (16 मार्च, 2022) की शाम से ही इस पर विवाद चालू है। वीडियो वायरल होने के बाद हिन्दू कार्यकर्ताओं ने सुजानगढ़-सालासर रोड को जाम कर के विरोध प्रदर्शन किया। डेढ़ घंटे तक लगा जाम रात पौने आठ में खुल सका। धरने के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ भी हुआ।
दोनों तरफ से वाहनों की लम्बी कतारें लग गईं, जिस कारण तीन किलोमीटर लम्बे जाम से निपटना प्रशासन के लिए भी मुश्किल हो गया। पुलिस से आक्रोशित हिन्दू कार्यकर्ताओं ने माँग की कि वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर बुलाया जाए। डी एईएन बाबूलाल वर्मा व जेईएन नंदलाल मुवाल को सड़क पर बिठा कर उनसे ‘राम दरबार’ की प्रतिमा को तोड़ने का कारण पूछा गया। एईएन ने सड़क के चौड़ीकरण की बात करते हुए हाथ जोड़ कर माफ़ी माँगी।
उक्त सड़क को फोरलेन बनाया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार ने सम्मानजनक तरीके से मूर्तियों को कहीं और स्थानांतरित किए जाने की बजाए जेसीबी का इस्तेमाल कर के भगवान राम और उनके दरबार की प्रतिमाओं सहित प्रवेश द्वार को ध्वस्त कर दिया। एईएन ने आश्वासन दिया कि सड़क का काम पूरा होने के बाद जो प्रवेश द्वार बनाएगा, उसमें भी राम दरबार की प्रतिमाएँ स्थापित की जाएँगी। हालाँकि, उन्होंने इसे लिखित में देने से इनकार कर दिया।
सुजानगढ़ में गहलोत सरकार की “निशाचरी करतूत”!
— BJP Rajasthan (@BJP4Rajasthan) March 19, 2022
अंधेरी रात में भगवान राम और उनके दरबार की मूर्तियों पर गहलोत सरकार ने चलाया बुलडोजर।
गहलोत जी, नहीं भूलेंगे हम… pic.twitter.com/MHd5OTckzG
उन्होंने उच्चाधिकारियों से बात करने का बहाना बनाया, तो एसडीएम ने प्रशासन से बात कर के मामले को सुलझाने की बात कही। भाजपा ने इस घटना को राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार की ‘निशाचरी करतूत’ करार दिया। एईएन ने पहले कहा था कि ‘राम दरबार’ प्रवेश द्वार पर मौजूद ही नहीं था, लेकिन फिर उन्हें माफ़ी माँगनी पड़ी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। भाजपा ने कहा कि ‘राम दरबार’ पर बुलडोजर चलाने की घटना को माफ़ नहीं किया जाएगा।